
Tata and Airbus
विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात को एक और बड़ी सौगात मिली है। वडोदरा में एयरबस सी-295 परिवहन विमान के उत्पादन के लिए एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। गुजरात को वेदांत-फॉक्सकॉन ग्रुप के बड़े निवेश के बाद फिर से एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। टाटा और एयरबस ने राज्य में 22 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया है। अधिकारियों ने कहा कि सुविधा की स्थापना का शिलान्यास समारोह 30 अक्टूबर को होगा और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। इसके जरिए विमान के निर्यात के साथ-साथ भारतीय वायु सेना द्वारा अतिरिक्त आदेशों की पूर्ति करेगी।
आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की दिशा में भारत ने एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि पहली बार सी-295 विमान का निर्माण यूरोप के बाहर किया जाएगा। पिछले साल सितंबर में भारत ने वायुसेना के पुराने एवरो-748 विमानों के स्थान पर 56 सी-295 परिवहन विमान की खरीद के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ करीब 21,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
टाटा और एयरबस ने प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य में 22 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया है। टाटा और एयरबस यहां मिलिट्री के लिए ट्रांसपोर्ट विमान का निर्माण करेंगे। यह घरेलू एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है। पीएम रविवार को वडोदरा में इस प्लांट का उद्घाटन करेंगे। गुजरात में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। इस प्रोजेक्ट को लेकर भी सरकार हजारों रोजगारों का वादा कर रही है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पहले 16 फ्लाई-अवे विमान सितंबर 2023 और अगस्त 2025 के बीच प्राप्त होने वाले हैं। पहला मेड इन इंडिया विमान सितंबर 2026 में आने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि एयरबस स्पेन में अपनी सुविधा में जो काम करती है उसका 96% भारतीय सुविधा में किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा, विमान में उच्चतम स्वदेशी सामग्री होगी। भारत में निर्मित विमान की आपूर्ति 2026 से 2031 तक की जाएगी।
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इंजन, लैंडिंग गियर और एवियोनिक्स एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा प्रदान किए जाएंगे और टाटा कंसोर्टियम द्वारा विमान में एकीकृत किए जाएंगे। सभी 56 विमानों को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किए जाने वाले स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस किया जाएगा।
IAF को 56 विमानों की डिलीवरी पूरी होने के बाद एयरबस डिफेंस एंड स्पेस को भारत में निर्मित विमान को सिविल ऑपरेटरों को बेचने और उन देशों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत में 13,400 से अधिक डिटेल पार्ट्स, 4,600 सब-असेंबली और सभी सात प्रमुख कंपोनेंट असेंबलियों का निर्माण किया जाएगा।
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टाटा कंसोर्टियम ने सात राज्यों में फैले 125 से अधिक इन-कंट्री एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की है। इस सौदे से प्रत्यक्ष रूप से 600 अत्यधिक कुशल नौकरियां, 3,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में काम के साथ अतिरिक्त 3,000 मध्यम कौशल रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। परियोजना के लिए स्पेन में एयरबस सुविधा में लगभग 240 इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
Updated on:
28 Oct 2022 08:09 am
Published on:
27 Oct 2022 08:03 pm
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