
उत्तराखंड के हरिद्वार में गत 17 दिसंबर से 19 दिसंबर तक आयोजित हुआ धर्म संसद इन दिनों देश ही नहीं विदेशों में भी खासा चर्चा का विषय बना है। हालांकि, यह चर्चा इस आयोजन के सकारात्मक नहीं बल्कि, नकारात्मक स्वरूप को लेकर हो रही है। इस धर्म संसद में वक्ताओं ने कुछ ऐसे भाषण दिए, जिन्हें दावा किया जा रहा है कि यह हेट स्पीच है। इस दो दिवसीय धर्म संसद का आयोजन हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिम्हानंद ने किया था। बताया जा रहा है कि इस आयोजन में कुछ वक्ताओं ने एक समुदाय के विरोध में बयान दिए और यही इसके हंगामे की वजह बन गया है। विदेशों में इस हेट स्पीच यानी नफरती भाषण की काफी आलोचना हो रही है और कुछ लोगों ने मोदी सरकार पर हमला भी बोला है।
दरअसल, एक वीडियो क्लिप इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल है। दावा किया जा रहा है कि यह क्लिप हरिद्वार में आयोजित हुए धर्म संसद की है। इस वीडियो क्लिप में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत भरी बातें कही गई हैं। सोशल मीडिया इस क्लिप के वायरल होने के बाद विदेशों में भी इसकी जमकर आलोचना हो रही है।
हालांकि, वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने इसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिसमें आयोजनकर्ता और भाषण देने वाले भी शामिल हैं। वैसे, यति नरसिम्हानंद का विवादों से पुराना नाता रहा है। इससे पहले वह पैगंबर मोहम्मद पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं और अक्सर ऐसे बयान देते रहते हैं।
क्या कहा ब्रिटिश सांसद ने
ब्र्रिटिश सांसद नाज शाह ने इस हेट स्पीच को लेकर ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए लिखा, यह सन 1941 का नाजी जर्र्मनी नहीं है बल्कि, 2021 का भारत है। इस आयोजन में मुसलमानों को मारने की अपील की जा रही है। यह अब हो रहा है। इन्हें पता होना चाहिए कि हिटलर ने भी नाजी दौर की शुरुआत ऐसे ही की थी। इस मामले को लेकर वैश्विक विरोध कहां है।
विदेशी मीडिया ने भी की आलोचना
इसके अलावा, इस आयोजन में दिए गए हेट स्पीच की विदेशी मीडिया जगत में भी खूब आलोचना हो रही है। कई पत्रकारों ने इस कार्यक्रम की निंदा करते हुए इसके भाषणों के अंश को अपनी रिपोर्ट में लिया है। साथ ही, कई बुद्धिजीवी और तमाम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने भी इस हेट स्पीच की आलोचना की है।
Updated on:
24 Dec 2021 06:53 pm
Published on:
24 Dec 2021 06:43 pm
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