कोर्ट की ओर से ये आदेश रेस्टोरेंट और बार संचालकों के हाईकोर्ट को इस भरोसा दिलाने के बाद दिया गया है कि वो सिर्फ खुली जगहों पर ही हुक्का सर्व करेंगे। यह भी पढ़ेँः
Karnataka High Court ने कहा- मुस्लिम में निकाह एक समझौता है, हिंदू विवाह की तरह संस्कार नहीं केजरीवाल सरकार को दिया 5 दिन का समय
जस्टिस रेखा पल्ली ने ये आदेश रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का सर्व करने और बेचने पर रोक लगाने के फैसले के खिलाफ रेस्टोरेंट और बार संचालकों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर विचार करते हुए दिया। उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को अपने फैसले पर पुर्नविचार करने के लिए 5 दिन का समय दिया है।
…तो सरकार दाखिल करे हलफनामा
हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कहा है कि यदि अब भी सरकार को लगता है कि रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का पर प्रतिबंध जरूरी है, तो इस बारे में हलफनामा दाखिल करें।
इससे पहले सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने 14 अक्टूबर, 2021 को रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का सर्व करने और बेचने पर प्रतिबंध लगाने के 3 अगस्त, 2020 के निर्णय पर पुर्नविचार करने के बाद ही यह फैसला लिया है कि फिलहाल तम्बाकू या इसके बगैर भी हुक्का सर्व करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
यह भी पढ़ेँः Delhi: हाईकोर्ट ने कहा, तलाक के बाद बेटे के बालिग होने पर खत्म नहीं होती पिता की जिम्मेदारी ‘हुक्का सिर्फ खुले जगहों पर सर्व किया जाएगा’वहीं रेस्टोरेंट और बार संचालकों ने कोर्ट को बताया कि वे इस बात का हलफनामा देने को तैयार हैं कि हुक्का सिर्फ खुली जगहों पर ही सर्व किया जाएगा. साथ ही कहा है कि एक हुक्का का इस्तेमाल सिर्फ एक व्यक्ति ही करेगा, इसे किसी अन्य से साझा करने की अनुमति नहीं होगी. मामले की सुनवाई अब 29 अक्टूबर को होगी।
कोर्ट ने 17 सितंबर को भी रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का सर्व करने और बेचने की अनुमति देने के बारे में डीडीएमए को विचार करने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने कहा था कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हर्बल हुक्का के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है तो ब्रीद एनालाइजर टेस्ट की अनुमति क्यों दी जा रही है।