
बाबरी मस्जिद (फोटो-X @anasinbox)
Babri Masjid: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में आज TMC से निलंबित विधायक हुमांयू कबीर के नेतृत्व में बाबरी मस्जिद की नींव रखी जा रही है। हुमांयू कबीर ने कहा है कि इस आयोजन में तीन लाख लोग शामिल हो रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में लोग सुबह से ट्रैक्टर, ई-रिक्शा और अपने सिर पर ईंट लेकर निर्माण स्थल पर पहुंच रहे हैं। दूसरी तरफ अयोध्या में बाबरी मस्जिद के गिराए जाने को 34 साल हो चुके हैं। 2019 में आए फैसले के बाद इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को अयोध्या के धनीपुर गांव में जहां 5 एकड़ जमीन दी गई थी। वह जगह अभी भी खाली पड़ी हुई है।
कहा जा रहा है कि प्रशासन को इस फाउंडेशन से स्ट्रक्चरल मैप जमा करवाना है। साथ ही, मस्जिद के लिए पर्याप्त डोनेशन भी नहीं मिल पा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल यानी 2026 के मार्च में मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।
दरअसल, 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुस्लिम समुदाय को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। उसके बाद यूपी सरकार ने यह जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को सौंप दी। इसके बाद इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन किया गया। वहीं, अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह मस्जिद रखा गया।
मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी ने कहा कि अब तक मस्जिद निर्माण का काम शुरू नहीं हो पाया है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी को रिपोर्ट व मैप सौंप दिए जाएंगे। इसके तीन महीने बाद काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 2021 में जब मस्जिद की पहली डिजाइन दी गई थी तो उसे मॉर्डन बताते हुए समुदाय के लोगों ने खारिज कर दिया था। अब जो नया डिजाइन तैयार किया गया है वह ज्यादा पारंपरिक है। इसमें 5 मीनारें और पारंपरिक गुंबद संरचनाएं होंगी।
हुमायूं कबीर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने मस्जिद वाली जगह दिखा दी है। अब जमीन कितनी है, यह बताने की कोई जरूरत नहीं है। हमने नींव रखने की बात कही है, वह करेंगे। हम इस्लामिक हॉस्पिटल बनाएंगे, मुसाफिरखाना होगा, होटल, हेलिपैड, पार्क, मेडिकल कॉलेज भी बनाएंगे। थोड़ा समय दीजिए, हम यह सब काम करके दिखाएंगे। मैं चैलेंज दे रहा हूं कि मुझे कौन रोकेगा।
उन्होंने ममता बनर्जी पर आरएसएस के लिए काम करने के आरोप पर कहा कि साल 2011 में ममता बनर्जी सीएम बनीं, तब राज्य में 500 से कम आरएसएस के स्वयंसेवक थे, लेकिन 14 साल उनके सीएम रहने के बाद पश्चिम बंगाल में 12,000 से अधिक स्वयंसेवक हैं। इससे ही पता चलता है कि वह किसके लिए काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी कोष से पैसा खर्च करके जगन्नाथ मंदिर किसने बनाया? उन्होंने ही तो बनवाया है। 1,100 करोड़ रुपए की जमीन मंदिर बनाने के लिए दे दी। ऐसे में अगर मैं मस्जिद बना रहा हूं तो इन्हें गुस्सा क्यों है? उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए सरकार और उनके मंत्रियों ने क्या किया? कितने लोगों को नौकरी दी? यह तो सामने आकर बोलना चाहिए। जवाब उन्हें देना पड़ेगा।
Published on:
06 Dec 2025 01:45 pm
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