
Justice BR Gavai
जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में भारत-पाकिस्तान के मौजूदा टकराव, ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, राजनीति में जाने सहित कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने अनौपचारिक बातचीत में साफ कर दिया कि वह रिटायरमेंट के बाद कोई राजनीतिक पद नहीं लेंगे।
जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, उनके पिता महाराष्ट्र के एक बड़े नेता थे। बिहार सहित कई राज्यों के गवर्नर रहे थे। लेकिन, मुझे राजनीति में नहीं जाना है। उस समय की राजनीति की बात कुछ और थी।
उन्होंने कहा कि जब एक बार आप सीजेआई बन जाते हैं तो रिटायरमेंट के बाद उन पदों को स्वीकार नहीं करना चाहिए, जो प्रोटोकॉल में सीजेआई के पद से नीचे हो, गवर्नर का पद भी सीजेआई से नीचे आता है। वहीं उन्होंने कहा कि वह देश के पहले बौद्ध चीफ जस्टिस बनने जा रहे हैं।
जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि 14 मई को बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर देश के CJI पद की शपथ लेना मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। बाबा साहेब आंबेडकर के साथ ही मेरे पिता ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के दौरान CJI संजीव खन्ना देश में नहीं थे, इसलिए मैंने उनसे परमिशन लेकर कम्प्लीट कोर्ट बुलाई। हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोर्ट में दो मिनट का मौन रखने की घोषणा की गई।
जस्टिस बीआर गवई ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और फिर सीजफायर की स्थिति पर कहा कि युद्ध कोई अच्छी चीज नहीं है। हमारे सामने युद्ध के दो उदाहरण हैं, जो अभी भी चल रहे हैं। यूक्रेन में कितने दिनों से युद्ध हो रहा है और इससे क्या मिला। मतलब युद्ध से कुछ हासिल नहीं होता।
सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति की घोषणा के सवाल पर जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उच्च न्यायालय के जजों को सुप्रीम कोर्ट के जजों की तरह संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए।
Published on:
11 May 2025 11:03 pm
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