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Guru Gobind Singh Jayanti महत्त्व, जानें गुरु की बताई गई खास बातें

Guru Gobind Singh Jayanti: आज की सुबह खास है, क्योंकि आज गुरु गोबिंद सिंह जयंती है। सिख धर्म में अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। आइए जानते है गुरु गोबिंद सिंह जयंती, उनके अनमोल वचन और महत्वपूर्ण बातें।

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Guru Gobind Singh Jayanti

Guru Gobind Singh Jayanti

Guru Gobind Singh Jayanti: हर वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि को सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसे देश भर में प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) योद्धा के साथ साथ दाशर्निक, लेखक और कवि भी थे और पूरी दुनिया के महान शख्शियत में से एक माने जाते हैं। सिख धर्म को मानने वालों को अच्छी और सच्ची राह पर चलने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए जिनका आज भी सिख धर्म को मानने वाले पालन करते हैं। आइए जानते है गुरु गोबिंद सिंह जयंती, उनके अनमोल वचन और महत्वपूर्ण बातें।

गुरु गोबिंद सिंह के अनमोल वचन

पांच ककार
गुरु गोबिंद सिंह ने सिख धर्म के अनुयायियों को कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए। उनमें पांच ककार बहुत अहम है. गुरु गोविंद सिंह ने सिख धर्म को मानने वालों को पांच ककार केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा धारण करना जरूरी होगा। इन्हें पहनकर खालसा वेश पूर्ण किया जाता है। सिख धर्म मानने वाले सभी लोग इन पांच चीजों को धारण करते हैं।

खालसा पंथ
गुरु गोबिंद सिंह ने समाज में धर्म और सत्य के पालन के लिए खालसा धर्म की स्थापना की। उन्होंने लोगों की रक्षा के लिए हर सिख को कृपाण धारण करने को कहा। उन्होंने सिख धर्म के अनुयायियों को योद्धा बनने का उपदेश दिया।

खालसा वाणी
गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा वाणी “वाहेगुरु जी की खालसा वाहे गुरु जी की फतह” का उद्घोष किया था और आज भी यह सिख धर्म का उद्घोष है।

गुरु ग्रंथ साहिब गुरु घोषित
गुरु गोबिंद सिंह ने सिख धर्म में गुरु की परंपरा को समाप्त कर सभी को गुरुर ग्रंथ साहिब को गुरु मानने का आदेश दिया। इसके बाद सिख धर्म मानने वाले गुरु ग्रंथ साहिब को मार्गदर्शक और गुरु मानने लगे।

निडर रहने का संदेश
गुरु गोबिंद सिंह से सिखों को हमेशा निडर रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, सवा लाख से एक लड़ाऊं चिड़ियों सों बाज तड़ऊ तबे गोबिंद सिंह नाम कहाऊं। आज भी सिख धर्मको मानने वाले गुरु गोबिंद सिंह के इन अनमोल वचनों का पालन करते हैं।

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