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आज संसद में सुनाई देगी ‘तवांग झड़प’ की गूंज: विपक्ष हमलावर, ओवैसी लाएंगे स्थगन प्रस्ताव

भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में झड़प का मामला काफी गरमा गया है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज यह मुद्दा गूंज सकता है।

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india china clash tawang dispute in parliament

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अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए झड़प का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज मंगलवार को यह मुद्दा गूंज सकता है। सत्र के दौरान हंगामे के पूरे आसार है। चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई इस झड़प को मुद्दा बनाकर विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संसद में केंद्र सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पूरी तैयार कर ली है।


कांग्रेस ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का मामला सामने आया है। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़े और चीन को करार जवाब देना होगा। चीनी सेना की लगातार हरकते बढ़ती ही जा रही है जो बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।


कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने लिखा, भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। सीमा पर चीन की हरकतें किसी भी तरह से स्वीकार नहीं की जाएंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए मामले को बदला रही रही है। उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में LAC की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही। अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है।

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तवांग झड़प को लेकर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में क्यों नहीं बताया गया? घटना का ब्योरा अधूरा है।


ओवैसी ने आगे कहा कि सेना चीन को किसी भी समय मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। मोदी की अगुवाई में ये कमजोर नेतृत्व ही है जिसकी वजह से भारत को चीन के सामने अपमानित होना पड़ रहा है। संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है। मैं इस मुद्दे पर संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा।