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पाकिस्तान पर भारत ने सख्ती दिखाई, हर समय पड़ोसियों से रिश्ते अच्छे नहीं हो सकते: जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसियों संग रिश्तों को लेकर कहा कि हम हर वक्त अच्छे रिश्ते की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। मालदीव के साथ रिश्तों में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपवाद है।

विदेश मंत्री एस.जयशंकर (Photo- IANS)

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (Indian Foreign Minister S Jaishankar) ने कहा कि हम अपने पड़ोसियों से हर समय अच्छे और आसान रिश्तों की उम्मीद नहीं रख सकते हैं, लेकिन भारत (India) ने समझदारी वाली नीति बनाई है। चाहे किसी भी देश में सरकार बदले, रिश्ते सामान्य बने रहें। उन्होंने कहा कि आखिरकार हमारे पड़ोसी देशों को भी समझना चाहिए कि भारत के साथ मिलकर काम करने से उनका फायदा होता है न कि नुकसान करने से। जयशंकर ने कहा कि कुछ देशों को इसे समझने में वक्त लगा है।

पाकिस्तान (Pakistan) को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान अपवाद मुल्क है। वहां की पहचान सेना के ईर्द-गिर्द बनी है। उसमें शुरू से ही भारत के प्रति दुश्मनी भरी रहती है। विदेश मंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने अपनी नीति में पाकिस्तान को लेकर नरमी बरती थी, लेकिन मोदी सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है।

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अमेरिका के साथ अनिश्चितता होती है

एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका (America) के बीच संबंध अनिश्चितता भरे रहे हैं, इसलिए भारत ने उसके साथ ज्यादा से ज्यादा जुड़ाव बनाए, ताकि रिश्ते संतुलित रहें। चीन (China) पर कहा कि सीमा पर हालात कई बार बहुत मुश्किल हो गए, खासकर गलवान की झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। हमें सीमा पर सड़कें बनानी पड़ी, जो पहले की सरकारों ने नजरअंदाज किया था। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने सीमावर्ती इलाकों में विकास पर ध्यान नहीं दिया। यह हमारी बड़ी रणनीतिक गलती थी। मोदी सरकार ने इस गलती को सुधारा। आज हम चीन के सामने मजबूती से खड़े हैं। हमने जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार किया है।

मालदीव से रिश्ते सुधर रहे हैं

विदेश मंत्री ने कहा कि मालदीव से रिश्ते सुधर रहे हैं। वहां सरकार बदलने के बाद शुरू में थोड़ी परेशानी हुई, पर अब संबंधों में सुधार हो रहे हैं। नेपाल की राजनीति में भारत को कई बार घसीटा जाता है, लेकिन हमें इससे परेशान नहीं होना चाहिए। श्रीलंका में सरकार बदली, लेकिन भारत से रिश्ते अच्छे बने रहे। उन्होंने कहा कि रिश्तों में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन हमें समझदारी से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेश नीति में मुश्किल समय में हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि ऐसा करना कमजोर योजना का संकेत है।

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अब भारत सिर्फ जवाब नहीं देता है, खुद हल भी करता है

एस जयशंकर ने कहा कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि जरूरत पड़ने पर खुद भी पहल करता है। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान यह नहीं सोचता कि वह कुछ भी कर ले, लेकिन उसे सजा नहीं मिलेगी।