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सांसद-विधायक ही नहीं, मुख्यमंत्री भी जा चुके हैं जेल, भ्रष्टाचार दिवस पर भ्रष्ट नेताओं की कहानी…

International Anti-Corruption Day: 09 दिसंबर, भ्रष्टाचार दिवस के साथ देश के कई नेता भी मशहूर हैं। वे जेल की हवा खा चुके हैं। आइए जानते हैं उन नेताओं के बारे में, जो संसद में खूब बहस करते हैं, जनता के पैसों पर कानून बनाते हैं और बाद में उसी कानून के भक्षक खुद बन जाते हैं। भ्रष्टाचार दिवस पर भ्रष्ट नेताओं की कहानी...

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minister has gone to jail

भ्रष्ट नेताओं की कहानी

International Anti-Corruption Day: भारत देश में यह कहा जाता है कि देश के बाहर गया काला धन अगर वापस आ जाता है, तो कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा, लेकिन जिनके कंधों पर यह जिम्मेदारी है, वे ही ऐसा न करें, तो आप क्या कहेंगे? देश में ऐसे नेताओं की कमी नहीं है, जिन पर घोटालों के आरोप लगे हैं। इनमें से कई तो जेल तक जा चुके हैं। इनमें कई दिग्गज नेता भी शामिल हैं। सांसद-विधायक से लेकर मुख्यमंत्री और कई बड़े नेता, जिनके कंधों पर जिम्मेदारी होती है देश के विकास की, देश को आगे ले जाने की। ये नेता अपनी व्यक्तिगत छवि को तो कलंकित करते ही हैं, साथ ही देश के गौरव को भी गहरा आघात पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में।

लालू प्रसाद यादव: चारा घोटाला

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में जेल जाना पड़ा था। आरजेडी प्रमुख को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने सजा सुनाई थी। अदालत ने लालू यादव को 37.68 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में दोषी ठहराया था।

पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता: आय से अधिक संपत्ति

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 2014 में दोषी करार दिया गया था। अदालत ने उन्हें 4 साल की जेल की सजा सुनाई थी। साथ ही अदालत ने 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। जयललिता को आय के ज्ञात स्रोत से 66 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति जमा करने के मामले में दोषी ठहराया गया था।

चंद्रबाबू नायडू: कौशल विकास घोटाला

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को भ्रष्टाचार के मामले में 2023 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। चंद्रबाबू नायडू पर कौशल विकास घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार करने के आरोप थे।

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल: शराब नीति घोटाला

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले के मामले में 2024 में गिरफ्तार किया गया था। 17 नवंबर 2021 को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था। नई पॉलिसी के तहत, शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गईं। दिल्ली हाई कोर्ट ने AAP सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि CAG रिपोर्ट पर जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है। केजरीवाल को ED और CBI ने गिरफ्तार किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वे जेल से बाहर आ चुके हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र: चाइबासा कोषागार घोटाला

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र भी चाइबासा कोषागार से 37 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले के मामले में दोषी पाए जाने के कारण जेल जा चुके हैं। वे तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

पार्थ चटर्जी: SSC भर्ती घोटाला

पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी SSC भर्ती घोटाले में मुख्य आरोपी थे। उन्हें 2023 में गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 2022 में गिरफ्तार किया था। ज्योति प्रिया मलिक को PDS घोटाले में जमानत मिल चुकी है, जबकि पार्थ चटर्जी को इसी मामले में लंबी अवधि जेल में काटनी पड़ी थी।

ममता बनर्जी के मंत्री साइडिकुल्ला: PDS घोटाला

पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री साइदुल्ला को PDS घोटाले में 2024 में गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 2023 में गिरफ्तार किया था। PDS घोटाले में अनुमान है कि 9,000-10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

सुदीप्ता रॉय: सारदा चिटफंड घोटाला

सारदा चिटफंड घोटाले से जुड़े होने के आरोप में सुदीप्ता रॉय (मदल मित्रा का संदर्भ लगता है) दिसंबर 2014 में गिरफ्तार किए गए थे। 2013 में सामने आए शारदा समूह के पोंजी घोटाले की जांच में अनुमान है कि मध्यम वर्ग और गरीबों की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत नष्ट हो गई, जिन्होंने अवास्तविक रिटर्न की उम्मीद में निवेश किया था। सारदा चिटफंड में निवेश करने वाले 100 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।

संविधान संशोधन बिल: जेल में 30 दिन से अधिक रहने पर इस्तीफा अनिवार्य

हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) बिल पेश किया है। इस बिल में प्रावधान है कि यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री 30 दिन से अधिक जेल में सजा काटता है, तो उसे 31वें दिन अपने पद से इस्तीफा देना होगा। सरकार इसे सुशासन और नैतिकता के लिए जरूरी बता रही है। वहीं विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहा है कि सरकार इस बिल को राजनीतिक प्रतिशोध का हथियार बना सकती है। बिल को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी को भेजा गया है।

भारत के अब तक के 10 सबसे बड़े घोटाले

1- 2G स्पेक्ट्रम घोटाला (2008)

रकम: लगभग ₹1.76 लाख करोड़ (CAG अनुमान)
मुख्य आरोप: दूरसंचार लाइसेंसों के आवंटन में अनियमितता
प्रभाव: राजनीतिक भूचाल, मंत्री अरुणा राजारामन/ए. राजा पर आरोप

2- कोयला आवंटन (कोलगेट) घोटाला (2012)

रकम: लगभग ₹1.86 लाख करोड़ (CAG अनुमान)
मुख्य आरोप: निजी कंपनियों को कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता

3- कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) घोटाला (2010)

रकम: लगभग ₹70,000 करोड़
मुख्य आरोप: खेल आयोजन से जुड़ी खरीद में भारी भ्रष्टाचार
मुख्य व्यक्ति: सुरेश कलमाड़ी

4- बिहार चारा घोटाला (1996)

रकम: लगभग ₹950 करोड़
मुख्य आरोप: सरकारी खजाने से पशु चारे के नाम पर फर्जी बिल
मुख्य व्यक्ति: लालू प्रसाद यादव

5- सरस ऋण व हाउसिंग लोन घोटाला / बैंक एनपीए से जुड़े घोटाले

रकम: लाखों करोड़ की एनपीए धोखाधड़ी
मामले: नीरव मोदी–मेहुल चौकसी (PNB), विजय माल्या (IDBI, SBI कंसोर्टियम)

6- नीरव मोदी–मेहुल चौकसी बैंक धोखाधड़ी (2018)

रकम: ₹13,600 करोड़
मुख्य आरोप: फर्जी LoU के माध्यम से PNB और अन्य बैंकों से धोखाधड़ी

7- बोफोर्स घोटाला (1987)

रकम: ₹64 करोड़
प्रभाव: तत्कालीन सरकार हिली, अंतरराष्ट्रीय रिश्वतखोरी का बड़ा मामला

8- हरियाणा भूमि घोटाला / रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदा विवाद (2012)

आरोप: भूमि आवंटन में अनियमितता, तेज मुनाफा कमाने के आरोप
राजनीतिक प्रभाव: केंद्र और हरियाणा राजनीति पर बड़ा असर

9- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) घोटाला – उत्तर प्रदेश (2010)

रकम: लगभग ₹10,000 करोड़
मुख्य आरोप: स्वास्थ्य योजनाओं की खरीद में फर्जीवाड़ा
प्रभाव: कई अधिकारी और मंत्री आरोपी

10- सत्यम कॉर्पोरेट घोटाला (2009)

रकम: ₹7,000 करोड़
मुख्य आरोप: कंपनी के खातों में हेरफेर, नकली संपत्ति दिखाना
मुख्य व्यक्ति: रामलिंगा राजू