मिशन में जरूर मिलेगी सफलता
इसरो के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि, चंद्रयान-3 पर लंबे समय से काम हो रहा है। कोरोना काल की वजह से इसकी लॉन्चिंग में थोड़ा वक्त लगा, जिससे तैयारी करने में और आसानी हुई। उन्होंने उम्मीद जताई कि, इस बार हमें अपने मिशन में सफलता जरूर मिलेगी।
Chandrayaan-2: मिशन को मिली बड़ी सफलता, ऑर्बिटर ने चांद की सतर पर देखी पानी के अणुओं की मौजूदगी
Karnataka | I'm very happy that the Central govt & Tamil Nadu govt have approved for us to acquire land in Kulasekharapatnam, where very soon we'll be able to establish the second launch pad of the country: Former ISRO Chairman Dr K Sivan pic.twitter.com/a9ISMW90Sy
— ANI (@ANI) March 25, 2022
चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ही होगा इस्तेमाल
के. सिवन ने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी, उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन में चंद्रयान-2 का ही ऑर्बिटर यूज किया जाएगा। यह काफी किफायती होगा।
तमिलनाडु में स्थापित होगा लॉन्च पैड
चंद्रयान-3 मिशन के लिए ISRO को तमिलनाडु में जगह मिल गई है। इस जमीन पर चंद्रयान-3 के लिए लॉन्च पैड बनाया जाएगा। डॉ. के. सिवन ने कहा कि, 'मैं बहुत खुश हूं कि केंद्र और तमिलनाडु सरकार ने हमें कुलशेखरपट्टनम में भूमि अधिग्रहण के लिए मंजूरी दे दी है। हम वहां बहुत जल्द देश का दूसरा लॉन्च पैड स्थापित करने में सफल होंगे और जल्द ही इसरो चंद्रयान-3 के लॉन्च की पुष्टि करेगा।'
सभी प्रोजेक्ट्स पर पड़ा कोरोना का असर
डॉ. सिवन ने बताया कि, 'हमारे सभी प्रोजेक्ट्स पर कोरोना का प्रभाव पड़ा है, लेकिन इस दौरान इसरो ने अपनी रणनीति पर काम किया, ताकि हम कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर प्रबंधन कर सकें।
महामारी ने हमें रॉकेट लॉन्च करने का एक नया तरीका दिया, जिसे हर मिशन में लागू किया जाएगा।
डॉ. सिवन ने बताया कि, 'चंद्रयान-2 इसरो का अब तक का सबसे जटिल मिशन था। हमने लैंडिंग का पहला चरण अच्छे से कंप्लीट किया, हम आखिरी चरण में असफल हुए। हम लकी थे कि पीएम मोदी हमारे साथ थे और इस अभियान के असफल होने पर उन्होंने उस वक्त इस अभियान से जुड़े हर शख्स को सांत्वना दी।