
Jan Suraaj Party Prashant Kishore
Jan Suraaj: बिहार में इस समय राजनीतिक सरगर्मी तेज है। जहां एक तरफ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है तो वहीं जन सुराज पार्टी से एक बड़ी गलती हो गई। पार्टी के कार्यक्रम में दूसरे दल के नेताओं को न्योता दे दिया गया। बता दें कि जन सुराज ने पार्टी की मीडिया वर्कशॉप (Media Workshop) के लिए बीजेपी नेताओं को ऑफर भेज दिया। पीके की जन सुराज पार्टी की तरफ से गुरुवार शाम को मीडिया वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जन सुराज ने बीजेपी प्रवक्ता असित नाथ तिवारी को पार्टी के मीडिया वर्कशॉप में शामिल होने का ऑफर दिया गया।
जन सुराज पार्टी की तरफ से मीडिया वर्कशॉप का ऑफर मिलने के बाद बीजेपी प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) का नया फर्जीवाड़ा बताया है। उन्होंने कहा कि मुझे मैसेज भेजा गया कि आपका वर्कशॉप के लिए चयन हो गया है। जब मैंने इसके लिए कोई आवेदन नहीं किया ना ही कोई दिलचस्पी दिखाई तो मेरा चयन कैसे हो गया। राजनीतिक रूप से प्रशांत किशोर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। वे पार्टी के विस्तार के लिए फर्जीवाड़े का सहारा ले रहे हैं।
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर माह में विधानसभा चुनाव हो सकते है। विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की राजनीति गरमा गई है, लेकिन इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी दिखाई देगी। अब तक चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम करने वाले प्रशांत किशोर अब बिहार में विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। हालांकि पीके की पार्टी ने हाल ही में हुए चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। भले ही प्रशांत किशोर को उपचुनाव में एक भी सीट नहीं मिली हो लेकिन यह उपचुनाव पीके के लिए अच्छे संकेत देकर गए है। चारों विधानसभाओं में पीके की पार्टी को करीब 66 हजार वोट मिले थे। अब विधानसभा चुनाव को लेकर भी जन सुराज पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल, पार्टी के संस्थापक अपनी युवाओं पर पकड़ बनाने के लिए BPSC छात्रों के आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं और उनके साथ प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पीके आज बीपीएसी छात्रों की मांगों को लेकर गांधी मैदान में अनशन पर बैठ गए हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि पीके ने चुनावी बिगुल बजा दिया है, क्योंकि बीपीएससी पेपर में कथित अनियमितताओं को लेकर युवाओं में प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश है। युवाओं को साधने के लिए पीके उनके आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। चुनावी समीकरण से देखा जाए तो पीके किसी राजनीतिक दल विशेष को फायदा पहुंचा सकते है और किसी दल को बहुत ज्यादा नुकसान भी पहुंचा सकते है। जन सुराज अभियान के दौरान पीके की घोषणाओं को लेकर देखा जाए तो पाते हैं कि वो मुस्लिम और महिलाओं के वोट को अपनी तरफ करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सरकार बनाने का दावा भी कर चुके हैं लेकिन यदि देखा जाए तो जमीनी स्तर पर ऐसा गुजांइश दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। पीके को राजद नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी की बी टीम करार दिया। तेजस्वी ने कहा था कि BJP की B टीम BPSC अभ्यर्थियों के आंदोलन को कुचलना चाहती है और अपनी सियासी रोटी सेंकना चाहती है।
Published on:
02 Jan 2025 09:10 pm
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