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नया संसद भवन के उद्घाटन का विरोध केजरीवाल और मल्लिकार्जुन खरगे को पड़ा महंगा, दर्ज हुई शिकायत

आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई अन्य पर शिकायत दर्ज कराई गई है। हालांकि अभी इस मामले में FIR दर्ज नहीं की गई है। जानें आखिर मामला क्या है?

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नया संसद भवन के उद्घाटन का विरोध केजरीवाल और मल्लिकार्जुन खरगे को पड़ा महंगा

नए संसद भवन का उद्घाटन रविवार 28 मई को होने जा रहा है। इस पर विपक्ष बनाम सत्ता पक्ष की राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी दलों ने मांग की है कि, नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाया जाए। इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई अन्य पर शिकायत दर्ज कराई गई है। हालांकि अभी इस मामले में FIR दर्ज नहीं की गई है। इन पर आरोप है कि इन्होंने अपने राजनीतिक उद्देश्यों को लेकर नए संसद भवन के उद्घाटन पर राष्ट्रपति की जाति को लेकर बयान दिया था। जिसका उद्देश्य विद्वेष पैदा करना और भारत सरकार के खिलाफ माहौल खराब करने का प्रयास करना है।



अधिवक्ता विनीत जिंदल ने पुलिस आयुक्त से की शिकायत

अधिवक्ता विनीत जिंदल ने सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य के खिलाफ समुदायों/समूहों के बीच भेदभाव को बढ़ावा देने के इरादे से नए संसद भवन के उद्घाटन के आयोजन के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देते हुए भड़काऊ बयान देने को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त को शिकायत दर्ज कराई है।

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अभी एफआईआर दर्ज नहीं हुई

अधिवक्ता विनीत जिंदल ने शिकायत में आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की जाति का हवाला देते हुए अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अविश्वास पैदा किया है। यह आईपीसी 121,153-ए, 505 और 34 की धाराओं के तहत अपराध है। अभी इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की हुई है।

इन धाराओं के बारे में जानिए

इन नेताओं पर IPC की धारा 34, 121, 153-ए और 505 के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है। इनमें से IPC 121 भारत सरकार के खिलाफ युद्ध के लिए उकसान से संबंधित है। इसमें दोषी पाए जाने पर फांसी या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। IPC-34 का मतलब है कि कई लोग समान विचार के साथ एक जैसा अपराध करें।

धारा 154-ए विभिन्न समूहों के बीच जाति, धर्म, जन्म स्थान, निवास या भाषा के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने से संबंधित है। IPC की धारा 505 सोशल मीडिया पर फर्जी खबर फैलाने के बारे में है। इसके तहत आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

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