9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Land for Job Scam: दिल्ली हाई कोर्ट से लालू प्रसाद को लगा बड़ा झटका, इस मामले में याचिका की खारिज

Lalu Prasad Yadav: लालू यादव ने याचिका में सीबीआई द्वारा दर्ज FIR और चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी, यह तर्क देते हुए कि जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ आवश्यक मंजूरी लिए बिना जांच शुरू की, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A का उल्लंघन है।

2 min read
Google source verification

पटना

image

Ashib Khan

May 31, 2025

दिल्ली HC ने लालू यादव की याचिका की खारिज (Photo-Patrika)

Land for Job Scam: दिल्ली हाई कोर्ट से राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले के संबंध में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि निचली अदालत में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ आरोपों पर सुनवाई 2 जून को होगी।

लालू ने याचिका में की थी ये मांग

लालू यादव ने याचिका में सीबीआई द्वारा दर्ज FIR और चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी, यह तर्क देते हुए कि जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ आवश्यक मंजूरी लिए बिना जांच शुरू की, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A का उल्लंघन है। हालांकि, सीबीआई ने दावा किया कि उन्होंने धारा 19 के तहत जरूरी अनुमति प्राप्त कर ली थी और यह मामला सरकारी पद के दुरुपयोग से जुड़ा है, जिसमें रेलवे में नौकरी के बदले जमीन ली गई थी। 

लालू की तरफ से कपिल सिब्बल ने दी दलील

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से कपिल सिब्बल ने दलील दी थी। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने बिना आवश्यक मंजूरी के ही जांच जारी रखा गया, जबकि कानून कहता है कि बिना पूर्व अनुमति के जांच शुरू नहीं की जा सकती है ,ये एक अनिवार्य शर्त है। 

हम मामले पर बहस करेंगे- कपिल सिब्बल

कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर आरोप तय हो गया तो मैं क्या करूंगा? कृपया एक महीने तक इंतजार करें। हम मामले पर बहस करेंगे। 14 साल तक आपने (एफआईआर दर्ज करने के लिए) इंतजार किया है। यह केवल दुर्भावनापूर्ण है।

‘मंत्री अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे’

वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से दलील देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी सिंह ने कहा यह ऐसा मामला है, जिसमें मंत्री के करीबियों ने लोक सेवकों को ये चयन करने के लिए कहा और बदले में जमीन दी गई। इसलिए इसे नौकरी के लिए जमीन का मामला कहा जाता है। मंत्री अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे।

यह भी पढ़ें- पटना में मंगलराज! Tejashwi Yadav ने कसा तंज, शेयर किया अपराधियों का दिनदहाड़े गोलीबारी वाला रोड शो का Video

क्या है पूरा मामला

यह मामला 2004-2009 के दौरान लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है, जहां आरोप है कि नौकरी के बदले उनके परिवार या करीबियों के नाम पर जमीनें हस्तांतरित की गईं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले की जांच कर रहे हैं।