नई दिल्लीPublished: Nov 13, 2023 08:56:43 am
Shaitan Prajapat
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (आईएपीबी) और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर केविन फ्रिक के एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार, अंधेपन के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष 2.25 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को अंधेपन के कारण हर साल करीब 2.25 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। देश में अगर नेत्र स्वास्थ्य की व्यवस्था बेहतर हो तो इस पर काबू पाया जा सकता है। यह खुलासा हाल ही में इंटरनेशल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (आइएपीबी) और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से किए अध्ययन में हुआ है। वैश्विक अध्ययन में शामिल प्रोफेसर केविन फ्रिक ने बताया कि दुनिया में 50 से 65 आयु वर्ग के लोगों के बीच मोतियाबिंद और कमजोर दृष्टि के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान की गणना की। इस सूची में सबसे ऊपर चीन का नाम था।