निष्कासन के बाद पहुंची सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि सवाल के बदले रिश्वत मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने आठ दिसंबर को सदन में अपनी रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने रिपोर्ट के आधार पर महुआ की सदस्यता रद्द की थी। महुआ मोइत्रा अपने निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
भाजपा एमपी निशिकांत दुबे ने उठाया था मुद्दा
बता दें कि इसी साल 15 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी के सासंद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र लिख महुआ के खिलाफ संसद में सरकार और अड़ानी ग्रुप के खिलाफ सवाल पूछने के बदले रिश्वत और महंगे गिफ्ट लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने महुआ मोइत्रा को तत्काल प्रभाव से सदन से निलंबित किए जाने की मांग की थी। पत्र में आगे कहा गया था कि पूरी पड़ताल एक एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई ने की है, जिसमें 50 से ज्यादा बिजनेसमैन से लिंक होने का खुलासा हुआ है।भारत में ‘मनी हीस्ट’…पीएम मोदी ने धीरज साहू के सहारे कांग्रेस पर बोला हमला, वीडियो शेयर कर कही ये बात