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इंदिरा गांधी के खिलाफ कई दलों ने मिलकर फूंका था बिगुल, 23 जनवरी को बनाई थी जनता पार्टी

Janata Party Birth आपातकाल के विरोध में कई पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक नई पार्टी बनाई, जिसका नाम दिया जनता पार्टी। जनता पार्टी 23 जनवरी को बनाई गई। पर बेहद ही कम समय में यह खत्म हो गई।

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इंदिरा गांधी के खिलाफ कई दलों ने मिलकर फूंका था बिगुल, 23 जनवरी को बनाई थी जनता पार्टी

Janata Party Birth आज 23 जनवरी का दिन है। भारतीय राजनीतिक इतिहास में 23 जनवरी का बड़ा महत्व है। इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस के खिलाफ कई दलों ने मिलकर बिगुल फूंका। इस विरोध की आवाज से कांग्रेस के खिलाफ एक नई पार्टी का जन्म हुआ। आपातकाल के दुर्भाग्यपूर्ण कालखंड की कोख से 23 जनवरी 1977 में जिस नए गैर-कांग्रेसी दल का जन्म हुआ उसका नाम जनता पार्टी था। जनता पार्टी के प्रणेता थे जयप्रकाश नारायण। जनता पार्टी के कुनबे में कई विचारधाराएं शामिल थी। खांटी कांग्रेसी मोरारजी देसाई, समाजवादी मधु लिमये, राजनारायण, जॉर्ज फर्नांडीस और मधु दंडवते शामिल थे। तो संघ परिवार के अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, नानाजी देशमुख और कांग्रेस से अलग हो चुके चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, मोहन धारिया, रामधन और कृष्णकांत की युवा तुर्क चौकड़ी भी थी। अभी यह लाइन खत्म नहीं हुई। इसमें जगजीवन राम, हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे कांग्रेसी शामिल हो गए।

आपातकाल ने रखी थी जनता पार्टी की नींव

जनता पार्टी के जन्म के पीछे की कहानी बहुत ही तकलीफदेय है। कहानी की शुरुआत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल के फैसले से शुरू हुई। उन्होंने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक इमरजेंसी लगा दी है। नागरिक स्वतंत्रताओं को समाप्त कर दिया था। और पीएम इंदिरा गांधी ने व्यापक शक्तियां अपने हाथ में ले ली थीं। सभी नेताओं को जेल में डाल दिया था। बस इस बात ने तमाम नेताओं को एकजुट कर एक नया खेमा तैयार कराया।

मोरारजी देसाई बने जनता पार्टी के बैनर पर पीएम

जनता पार्टी ने पहली बार 1977 में चुनाव लड़ा। और कांग्रेस स्वतंत्र भारत में पहली बार चुनाव में हारी। जनता पार्टी के नेता मोरारजी देसाई ने 298 सीटें जीते। 24 मार्च 1977 को भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने।

इंदिरा गांधी की वापसी, राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता नहीं बचा सकी जनता पार्टी

सातवीं लोकसभा के लिए 1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी हुई। कांग्रेस ने लोकसभा में 353 सीटें जीतीं और जनता पार्टी या बचे हुए गठबंधन को मात्र 31 सीटें मिलीं, जबकि जनता पार्टी सेक्युलर को 41 सीटें मिली थीं। माकपा 37 सीटें जीतने में सफल रही। राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता के लिए 54 सीटें भी जनता दल और लोक दल को नसीब नहीं हुईं।

जनता पार्टी का खात्मा

भाजपा का गठन आठवीं लोकसभा से पहले हुआ। और इसके पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने। इस प्रकार जिस तरह जनता पार्टी का गठन हुआ उसी तेजी से कम समय में वह एक ढंग से खत्म ही हो गई।

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