
प्रियंका गांधी और राहुल गांधी (Photo: IANS)
MGNREGA VS G RAM G bill : संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) अपने अंतिम चरण में है और मंगलवार को लोकसभा में कई विधेयक पेश किए गए। सरकार ने लोकसभा में विकसित भारत – रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) की गारंटी विधेयक पेश किया, जिसे वीबी-जी-आरएएम जी विधेयक (VB–G RAM G bill) के नाम से भी जाना जाता है। यह विधेयक यूपीए सरकार के एमजीएनआरईजीए योजना (MGNREGA scheme) का स्थान लेगा।
यह विधेयक सोमवार को पेश किया जाना था, लेकिन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इसे मंगलवार को पेश किया।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने मंगलवार को कई बिंदुओं पर विधेयक का विरोध किया, जिसमें एमजीएनआरईजीए की तुलना में केंद्र के हिस्से में कमी भी शामिल है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Malikkarjun Kharge) ने एमजीएनआरईजीए योजना को पुनर्परिभाषित करने के सरकार के कदम की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस इसका विरोध करेगी।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को एमजीएनआरईजीए की जगह लाए जा रहे विधेयक को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि इससे मूल अधिनियम के तहत सबसे गरीब लोगों को मिलने वाले 100 दिन के रोजगार की गारंटी (100 Days Employment Guarantee) कमजोर हो जाएगी। कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि उन्हें मोदी सरकार का योजनाओं के नाम बदलने का जुनून समझ में नहीं आता। प्रियंका गांधी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा, "पहली बात तो यह है कि योजनाओं के नाम बदलने की प्रक्रिया में देश का बहुत पैसा खर्च होता है, इसलिए मुझे समझ नहीं आता कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं।"
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "यह सिर्फ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नाम बदलने का मामला नहीं है। यह एमजीएनआरईजीए को खत्म करने की भाजपा-आरएसएस की साजिश है। संघ की शताब्दी पर गांधी जी का नाम मिटाना यह दर्शाता है कि मोदी जी जैसे लोग, जो विदेशी धरती पर बापू को फूल चढ़ाते हैं, कितने खोखले और पाखंडी हैं।"
VB–G RAM G bill: मनरेगा के तहत पहले केंद्र सरकार 100 दिनों की न्यूनतम रोजगार गारंटी देती थी, अब मोदी सरकार इसमें संशोधन करने जा रही है। अब केंद्र सरकार 125 दिन की रोजगार गारंटी देने जा रही है। इसके साथ ही नए संशोधन में इसमें दो विशेष ब्रेक का भी प्रावधान रखा गया है- फसल बुआई और फसल कटाई ब्रेक। मजदूरी के भुगतान की अवधि में बदलाव किया जा रहा है। पहले 15 दिनों में भुगतान का प्रावधान है जिसे कम करके 7 दिन किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 में मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है।
मोदी सरकार मनरेगा के 25 फीसदी के मुकाबले विकसित भारत जी-राम-जी में राज्य सरकार का हिस्सा 40 फीसदी करने जा रही है। विपक्षी पार्टियां इस कदम की आलोचना कर रही है। एनडीए में शामिल टीडीपी ने दबे स्वर में विरोेध जताते हुए इसे राज्य पर बोझ डालने वाला बताया है।
Updated on:
16 Dec 2025 03:45 pm
Published on:
16 Dec 2025 02:25 pm
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