
प्रशांत किशोर ने प्रियंका गांधी से की मुलाकात
PK Meets Prashant Kishor: बिहार विधानसभा चुनाव के लगभग एक महीने बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) के नेता प्रशांत किशोर ने मुलाकात की।
हालांकि दोनों पार्टियों के सूत्रों ने बैठक के महत्व को कम करके आंका, लेकिन यह बातचीत राजनीतिक दृष्टि से दिलचस्प है क्योंकि किशोर और कांग्रेस के बीच कुछ साल पहले कड़वाहट भरी अनबन हुई थी। उक्त घटना के बाद से प्रशांत कांग्रेस (Prashant Kishor) के आलोचक रहे हैं और बिहार में चुनाव में प्रचार के दौरान भी उन्होंने तर्क दिया कि मतदाता सूची का विशेष गहन संशोधन (SIR) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का वोट चोरी अभियान राज्य में चुनावी मुद्दा नहीं है।
हालांकि, प्रशांत किशोर की पार्टी का चुनाव में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। जन सुराज पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली और उसके कुल 238 उम्मीदवारों में से 236 (यानी 99.16%) की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस का प्रदर्शन भी 2020 चुनाव के मुकाबले खराब रहा। कांग्रेस ने जिन 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से सिर्फ छह सीटें ही जीत पाई। वर्ष 2020 में पार्टी को 19 सीटें मिली थीं।
प्रशांत किशोर और गांधी परिवार का पुराना रिश्ता है। प्रशांत, कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक रणनीतिकार भी रह चुके हैं। जेडीयू द्वारा निष्कासित किए जाने के एक साल बाद 2021 में ही उन्होंने राहुल और प्रियंका से संपर्क किया और कांग्रेस को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव रखा। इसके एक साल बाद 2022 में किशोर और कांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से बातचीत शुरू की।
अप्रैल 2022 में सोनिया गांधी के जनपथ स्थित आवास पर हुई एक बैठक में उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को विस्तृत प्रस्तुति दी। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। इसके बाद कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके प्रस्तावों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया। आपको बता दूं तब प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक थे।
सोनिया गांधी ने कुछ दिनों बाद कांग्रेस की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक ‘सशक्त कार्य समूह’ का गठन किया, जबकि पार्टी नेतृत्व उनके प्रस्ताव पर विचार कर रहा था। लेकिन किशोर द्वारा समूह में शामिल होने के कांग्रेस नेतृत्व के प्रस्ताव को ठुकरा देने के बाद बातचीत विफल हो गई। प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी से अधिक अधिकार और पूर्ण स्वतंत्रता चाहते थे।
कांग्रेस पार्टी ने प्रशांत किशोर से कई दौरों के मुलाकात के बाद एक बयान में कहा था, “प्रशांत किशोर द्वारा एक प्रजेंटेशन देने और उनसे चर्चा के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष ने एक सशक्त कार्य समूह 2024 का गठन किया है था और उन्हें इस समूह के सदस्य के रूप में निर्धारित जिम्मेदारियों के साथ पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। हम पार्टी को दिए गए उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं।”
हालांकि प्रशांत किशोर ने उपरोक्त बयान देने के कुछ ही मिनटों बाद पलटवार करते हुए कहा, “मैंने कांग्रेस के उस उदार प्रस्ताव को ठुकरा दिया जिसमें मुझे ईएजी के सदस्य के रूप में पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा गया था। मेरी विनम्र राय में मुझसे कहीं अधिक पार्टी को नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है ताकि परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से गहरी जड़ें जमा चुकी संरचनात्मक समस्याओं का समाधान किया जा सके।”
प्रशांत किशोर का प्रजेंटेशन देखने वाले नेताओं के एक समूह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व ने एक ऐसे बाहरी व्यक्ति के कहने पर पार्टी की संरचना में बदलाव करने का विरोध किया, जिस पर उन्हें पूरी तरह से भरोसा नहीं था।
Updated on:
15 Dec 2025 02:04 pm
Published on:
15 Dec 2025 09:12 am
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