12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Mothers Day 2022: कब, क्यों और कैसे हुई मदर्स डे मनाने की शुरुआत, जानें मां से जुड़े इस खास दिन का इतिहास

वैसे तो अपनी मां को हर रोज प्यार और सम्मान देना चाहिए लेकिन कई बार ऐसा नहीं हो पता है। मां के इसी प्यार और ममता को सम्मान देने के लिए एक खास दिन होता है। मदर्स डे वो खास दिन है जब आप अपनी मां को खास होने का अनुभव करा सकते है।

2 min read
Google source verification

हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। ये दिन मां कि ममता और प्यार को समर्पित है। दुनिया का कोई भी रिश्ता मां की कमी कभी पूरी नहीं कर सकता। मां-बच्चे का रिश्ता हर रिश्ते से अहम और अनमोल माना जाता है। मां अपने बच्चे की हर ख्वाहिश बिना किसी स्वार्थ के पूरी करती है। बच्चे भले ही कितने भी बड़े क्यों ना हो जाएं लेकिन मां की ममता हमेशा अपने बच्चों पर बनी रहती है। जब एक महिला मां बनती है तब वह अपने बच्चे को ही अपनी दुनिया बना लेती है। इस साल मदर्स डे 8 मई यानी की आज मनाया जा रहा है।

हर एक के जीवन में मां एक अनमोल इंसान के रूप में होती है। जिसके बारे में शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान हर किसी के साथ नहीं रह सकता इसलिए उसने मां को बनाया। वैसे तो किसी के लिए भी लाइफ में मां की अहमियत को शब्दों में बयां कर पाना काफी मुश्किल होता है। लेकिन फिर भी साल का एक दिन मां के नाम कर दिया गया है।

ऐसा माना जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। वो भी साल 1912 में जब एना जार्विस नाम की अमेरिकी महिला ने अपनी मां के निधन के बाद इस दिन को मनाने की शुरुआत की। जब एना की मां की निधन हुआ तो उन्होंने कभी शादी न करने का फैसला करते हुए अपनी मां के नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया।

एना के इस कदम के बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वड्रो विल्सन ने औपचारिक तौर पर 9 मई 1914 में मदर्स डे मनाने की शुरुआत की। इस खास दिन के लिए अमेरिका संसद में कानून पास किया गया। बाद में मदर्स डे को मई के दूसरे रविवार के दिन मनाने की स्वीकृति अमेरिका समेत यूरोप, भारत और कई अन्य देशों ने भी दी। भारत में इसे मई के दूसरे संडे के दिन मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें: Sleep and Earn: आराम से सोने के लिए पैसे दे रही कम्पनी, क्या आप करना चाहेंगे ये 'अजीबोगरीब नौकरी'

तो वहीं इस दिवस के पीछे एक कहानी और भी है। कुछ विद्वानों का दावा है कि मां के प्रति सम्मान यानी मां की पूजा का रिवाज पुराने ग्रीस से आरंभ हुआ है। कहा जाता है कि स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता था। यह दिन त्योहार की तरह मनाने की प्रथा थी। एशिया माइनर के आस-पास और साथ ही साथ रोम में भी वसंत के आस-पास इसे 15 मार्च से 18 मार्च तक मनाया जाता था।

इस दिन, हर कोई अपनी मां को खास महसूस कराने के लिए उनके मातृत्व और प्यार को सम्मानित करने के उद्देश्य से बच्चे मदर्स डे मनाते हैं। पिछले कुछ दशकों में मां को समर्पित इस दिन को बहुत खास तरीके से मनाया जाता है। इस दिन लोग अपनी मां के साथ समय बिताते हैं। उनके लिए गिफ्ट या कुछ सरप्राइज प्लान करते हैं। कुछ लोग इस दिन घूमने जाते है, डिनर पर जाते हैं। तो कई लोग घर पर पार्टी का आयोजन भी करते है और मां को इस दिन की बधाई देते हैं।

यह भी पढ़ें: बिरयानी के साथ युवक खा गया 1.45 लाख के गहने, इस तरकीब से पुलिस ने वापस निकाली ज्वैलरी