Bihar Election: कुछ ही महीने बाद बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या पिछली बार से कम भी हो सकती है। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पहली बार बिहार में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान शुरू किया और कहा है कि आगे यह बाकी राज्यों में भी किया जाएगा। इसके तहत किसी भी वयस्क को मतदाता बनने या बने रहने के लिए दस्तावेज दिखाना होगा। 11 दस्तावेज का विकल्प है और इसे दिखाने से छूट केवल उन्हीं को है, जिनका या जिनके माता/पिता का नाम 2003 में हुए SIR के बाद जारी मतदाता सूची में दर्ज है।
2000 में जब बिहार विधानसभा के चुनाव हुए थे तब 6,00,91,029 मतदाता (मौजूदा झारखंड सहित) थे। झारखंड अलग होने के बाद विशेष गहन पुनरीक्षण करके 2003 में जो मतदाता सूची प्रकाशित की गई उसमें 4.96 करोड़ नाम दर्ज थे। उसके बाद पहली बार बिहार में SIR हो रहा है।
चुनाव आयोग का कहना है कि वोटर लिस्ट में अवैध रूप से देश में रह रहे विदेशी नागरिकों के नाम भी शामिल हो गए हैं। उसने SIR शुरू करने के कई कारणों में से एक इसे भी बताया है। आयोग का कहना है कि यह कवायद अपात्र मतदाताओं को सूची से बाहर करने के मकसद से की जा रही है।
पिछली बार विशेष गहन पुनरीक्षण राज्य के बंटवारे की वजह से वाजिब था और यह चुनाव से करीब दो साल पहले कराया गया था। तब से बिहार में वोटर्स की संख्या सवा दो करोड़ से भी ज्यादा (2020 के चुनाव में 7,29,27,396) ज्यादा बढ़ गई है। इस बार SIR चुनाव से कुछ ही महीने पहले कराया जा रहा है और दस्तावेज देने के लिए लोगों को महज एक महीने का समय दिया गया है। अगर वे बिना दस्तावेज दिए फॉर्म भरते हैं तो उन्हें आपत्ति दर्ज कराते हुए 30 अगस्त तक दस्तावेज जमा कराने का मौका मिलेगा।
वैध मतदाताओं के बाहर होने की आशंका के बीच चुनाव आयोग का कहना है कि जो अंततः दस्तावेज नहीं दे पाएंगे, उनके मामले में निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ‘स्थानीय जांच या अन्य दस्तावेज के साक्ष्य के आधार पर निर्णय लेंगे।’ अन्य दस्तावेज को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। चुनाव आयोग के दिशानिर्देश के पारग्राफ 5(बी) के मुताबिक इनमें से कोई दस्तावेज नहीं देने वालों को अफसर ‘संदिग्ध विदेशी नागरिक’ का केस मानते हुए संबंधित विभाग को फॉरवर्ड भी कर सकते हैं।
मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए मांगे गए दस्तावेज के 11 विकल्प दिए गए हैं। जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, उनके लिए कम समय में इसका इंतजाम आसान नहीं होगा। इससे जुड़ी मुश्किल को इस टेबल से समझा जा सकता है:
दस्तावेज | कौन जारी करता है | उपलब्धता में समस्या / चुनौतियां |
पहचान पत्र / पेंशन भुगतान आदेश (सरकारी मौजूदा या पूर्व कर्मचारी) | केंद्र/राज्य सरकार, PSU | केवल 20.49 लाख लोग सरकारी नौकरी में (कुल आबादी का 1.57%)। |
01.07.1987 से पहले जारी कोई भी सरकारी दस्तावेज / पहचान पत्र | सरकार / स्थानीय निकाय / बैंक / पोस्ट ऑफिस / एलआईसी / PSU | रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं |
जन्म प्रमाण पत्र | पंचायत सचिव / बीडीओ / प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (ग्रामीण), नगरपालिका या नगर निगम (शहरी) | 2000 में केवल 1.19 लाख (3.7%) जन्म पंजीकृत; 2007 में 7.13 लाख (25%); देर से रजिस्ट्रेशन के लिए हलफनामा और मजिस्ट्रेट के आदेश की आवश्यकता। |
पासपोर्ट | विदेश मंत्रालय | 2023तक बिहार में मात्र 27.44 लाख पासपोर्ट। बनवाने के लिए आधार, पुलिस सत्यापन आदि जरूरी। एक महीने में बन जाए यह भी जरूरी नहीं। |
मैट्रिक/शैक्षणिक प्रमाण पत्र | सीबीएसई, आईसीएसई , बिहार बोर्ड आदि | जाति सर्वे, 2000 के मुताबिक 14.71% आबादी ही 10वीं पास। |
स्थायी निवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल) | बीडीओ / कार्यपालक मजिस्ट्रेट | आधार, राशन कार्ड, वोटर आईडी, मैट्रिक प्रमाण पत्र, स्थायी निवास का हलफनामा जरूरी; सत्यापन में 15 दिन या उससे अधिक लग सकते हैं। |
वन अधिकार पत्र | ग्राम सभा, जिला कलेक्टर | 1 जून, 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक केवल 4,696 आवेदन प्राप्त; महज 191 को दिया, बाकी आवेदन खारिज। प्रक्रिया जटिल, जागरूकता की कमी। |
एससी/एसटी/ओबीसी या अन्य जाति प्रमाण पत्र | राजस्व विभाग / स्थानीय निकाय | जाति गणना 2022 में जातियों के आंकड़े हैं, पर प्रमाणपत्र पाने वालों का डेटा उपलब्ध नहीं है। प्रक्रिया धीमी और कई बार भ्रामक। |
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) | लागू नहीं | बिहार में NRC लागू नहीं है। |
परिवार रजिस्टर | ग्राम पंचायत / नगर निकाय | पंजीकरण के लिए दस्तावेज़ (आधार, राशन कार्ड आदि) की आवश्यकता; फील्ड सत्यापन जरूरी; प्रक्रिया में 2 सप्ताह या अधिक लग सकते हैं। |
भूमि / मकान आवंटन प्रमाण पत्र | भूमि राजस्व विभाग / आवास बोर्ड | 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार के 65.58% ग्रामीण परिवारों के पास कोई भूमि नहीं। जिनके पास जमीन है, उनमें से भी कई के पास दस्तावेज़ नहीं। |
Updated on:
09 Jul 2025 07:10 pm
Published on:
06 Jul 2025 05:54 pm