
केंद्र सरकार डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (डीआईसीजीसी) के तहत मिलने वाले बीमा कवरेज को बढ़ाने पर विचार कर रही है। अगर कवरेज बढ़ा दिया जाता है तो बैंक के डूबने पर ग्राहकों को 5 लाख रुपए से ज्यादा की रकम मिल सकेगी। फिलहाल बैंक बंद होने या डूबने पर ग्राहक की 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित रहती है। यह रकम 90 दिन के भीतर ग्राहको देनी होती है। डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्विसेज के सचिव एम. नागराजू ने बताया कि यह कदम ग्राहकों की सुरक्षा और बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है।
बताया जाता है कि हाल ही भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध के कारण बैंक के ग्राहक खातों से 30,000 रुपए से अधिक की निकासी नहीं कर पाएंगे। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सरकार इंश्योरेंस कवरेज बढ़ाने की तैयारी में जुटी है।
कोई बैंक बंद या दिवालिया हो जाता है तो डीआईसीजीसी बैंक से ग्राहकों की सूची और उनकी जमा राशि की जानकारी मांगता है। डीआईसीजीसी इंश्योरेंस की रकम बैंक को देता है। बैंक अपने ग्राहकों की जमा रकम के आधार पर इंश्योरेंस का पैसा उनके अकाउंट में भेज देता है।
Published on:
18 Feb 2025 09:15 am
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