जनदीप धनखड़ की जीत बीजेपी के लिए बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाने का फायदा बीजेपी को आने वाले चुनावों में मिलेगा। जगदीप धनखड़ एक जाट परिवार से आते हैं। राजस्थान के झुंझनु जिले में किठाना गांव में आज उनकी की जीत के बाद आज एक साथ होली-दिवाली मनाई जा रही है।
किसान पुत्र कहकर धनखड़ को किया जा रहा संबोधित-
धनखड़ को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित करने से लेकर अब जीत की बधाई देने तक भाजपा के बड़े नेताओं द्वारा उन्हें किसान पुत्र कहकर संबोधित किया जा रहा है। किसानों के लिए धनखड़ ने कई बड़े काम किए हैं। साथ ही राजस्थान में जाट आरक्षण आंदोलन में उनकी बड़ी भूमिका थी। ऐसे में अगले साल जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव होगा तो निश्चित तौर पर बीजेपी जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाने के नाम पर लोगों से वोट मांगेगी।
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जाट वोटरों का भरोसा जीतना चाह रही बीजेपी-
पहले बीजेपी की छवि बनिया, ब्राह्मण और राजपूतों की पार्टी के रूप में थी। लेकिन बीते कुछ समय से बीजेपी ने अपने आप को सभी जातियों की पार्टी बताने की कोशिश की है। द्रौपदी मूर्मु के रूप में एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाकर बीजेपी आदिवासियों का दिल पहले ही जीत चुकी है। अब एक जाट परिवार से आने वाले किसान पुत्र धनखड़ को देश को दूसरे सबसे बड़े पद पर बिठाकर भाजपा जाट वोटरों का भरोसा जीतना चाह रही है।
राजस्थान में अगले साल तो हरियाणा में 2024 में चुनाव-
उल्लेखनीय हो कि राजस्थान के साथ-साथ हरियाणा और पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों की संख्या अच्छी खासी है। यहां के चुनावी जीत-हार में जाट वोटरों की भूमिका अहम होती है। राजस्थान में अगले साल तो हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव होना है। इसके साथ ही 2024 में लोकसभा का चुनाव भी होगा। ऐसे में जगदीप धनखड़ की उपराष्ट्रपति बनाने से जाट वोटरों बीजेपी के पक्ष में आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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कुल 710 वैध मतों में से जगदीप धनखड़ को मिले 528 मत-
इससे पहले आज घोषित हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के रिजल्ट के बारे में रिटर्निंग अधिकारी एवं लोक सभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि दोनों सदनों के 780 सांसदों में से 92.94 प्रतिशत सांसदों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले 725 सांसदों में से 15 वोट अमान्य पाए गए। सिंह ने बताया कि उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए पड़े 710 वैध मतों में से जगदीप धनखड़ को 528 सांसदों का वोट मिला वहीं मार्गेट अल्वा के पक्ष में 182 सांसदों ने अपना वोट डाला।
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टीएमसी के दो सांसदों ने भी जगदीप के पक्ष में की वोटिंग-
बताते चले कि उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 356 मत प्राप्त करना जरूरी था लेकिन धनखड़ को इससे कहीं ज्यादा प्रथम वरीयता के वोट, 528 प्राप्त हुए और इस तरह से एनडीए उम्मीदवार धनखड़ ने भारी अंतर से विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार को चुनाव हरा दिया। तृणमूल कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करने का ऐलान किया था लेकिन बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी की पार्टी के दो सांसदों ने पार्टी निर्देश को दरकिनार करते हुए शनिवार को संसद भवन आकर अपना वोट दिया।