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​फिर विवादों में घिरा तिरूपति मंदिर, 4 करोड़ का घोटाला आया सामने

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में एक दशक में हुए 54 करोड़ रुपये के रेशमी शॉल घोटाले का खुलासा होने से हड़कंप मच गया है।

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Tirupati temple dupatta scam

तिरूपति मंदिर में एक और बड़ा घोटाला (फोटो सोशल मीडिया)

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसिद्ध लड्डू घोटाले के बाद अब दुपट्टा घोटाला सामने आया है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को सिल्क बताकर घटिया पॉलिएस्टर दुपट्टे सप्लाई करने का मामला उजागर हुआ है। पिछले 10 वर्षों में कॉन्ट्रैक्टर ने TTD को करोड़ों का चूना लगाया। आंध्र सरकार ने मामले को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंप दिया है।

सिल्क की जगह पॉलिएस्टर, दोगुना दाम

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्टर ने शुद्ध मुलबेरी सिल्क दुपट्टों के नाम पर 100% पॉलिएस्टर के दुपट्टे TTD को बेचे। एक दुपट्टे की बाजार कीमत मात्र 350 रुपये होने के बावजूद इसे 1300 रुपये में बिल किया गया। ये दुपट्टे मंदिर में दानकर्ताओं को प्रसाद के रूप में दिए जाते हैं और वेदाशीर्वचनम् जैसे पवित्र अनुष्ठानों में भगवान को चढ़ाए जाते हैं। दुपट्टों पर सिल्क होलोग्राम की अनिवार्यता का भी पालन नहीं हुआ। 2015 से 2025 तक चले इस घोटाले से TTD को करीब 54 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जांच में केंद्रीय रेशम बोर्ड (CSB) समेत दो लैबों के टेस्ट ने पुष्टि की कि दुपट्टे पूरी तरह पॉलिएस्टर हैं।

कॉन्ट्रैक्टर और TTD की लापरवाही

घोटाले का केंद्र एक ही कंपनी और उसकी सहयोगी इकाइयां हैं, जो दशक भर से TTD को दुपट्टे सप्लाई कर रही थीं। TTD के चेयरमैन बी.आर. नायडू के निर्देश पर आंतरिक जांच शुरू हुई, जिसके बाद यह कांड बाहर आया। TTD बोर्ड ने कंपनी के सभी मौजूदा टेंडर रद्द कर दिए और सप्लाई पर पूर्ण रोक लगा दी। आंध्र सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए ACB को सौंप दिया, जहां वित्तीय अनियमितताओं और साजिश की गहन जांच होगी।

ACB को सौंपा मामला, भविष्य में सख्ती

TTD ने तत्काल प्रभाव से प्रभावित कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैकलिस्ट कर दिया। आंध्र प्रदेश सरकार ने वादा किया है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। हाल ही में आंध्र सीएम चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे नारा लोकेश और पोते नारा देवांश ने 21 मार्च को मंदिर दर्शन किया था, जहां उन्होंने यही दुपट्टा ओढ़ा था। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। विपक्ष ने इसे “भगवान के प्रबंधन में भ्रष्टाचार” बताते हुए सरकार पर हमला बोला है।

भक्तों की आस्था पर सवाल

यह घोटाला भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। TTD अब नए टेंडर प्रक्रिया में सख्त गुणवत्ता जांच लागू करेगा। ACB की जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जो कई बड़े नामों को फंसा सकती है। मंदिर प्रशासन ने भक्तों से अपील की है कि वे शुद्ध सामग्री पर भरोसा रखें। यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है, जहां धार्मिक संस्थाओं में पारदर्शिता की मांग तेज हो गई है।