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राहुल गांधी का अमित शाह को ओपन डिबेट का चैलेंज, जानें गृह मंत्री ने क्या कहा

लोकसभा में बुधवार को अमित शाह की बात सुनते ही राहुल गांधी तुरंत खड़े हो गए और बोले, आप मेरी ‘वोट चोरी’ वाली तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चर्चा करें।

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Photo-IANS)

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधार और एसआईआर (Systematic Intensive Revision) को लेकर गृह मंत्री अमित शाह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई। राहुल गांधी ने सदन में ही अमित शाह को खुली बहस (ओपन डिबेट) का चैलेंज दे डाला। कांग्रेस ने इस पल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

अमित शाह ने किया नेहरू से अटल तक का जिक्र

लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी के समय तक एसआईआर होता रहा है। उस समय किसी ने विरोध क्यों नहीं किया और आज अचानक क्यों कर रहे हैं? उन्होंने राहुल गांधी की तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए तंज कसा, एक सादी वाली, दूसरी एटम बम वाली और तीसरी हाइड्रोजन बम वाली – तीनों का एक-एक जवाब दूंगा।

राहुल गांधी ने सदन में ही दे डाला चैलेंज

अमित शाह की बात सुनते ही राहुल गांधी तुरंत खड़े हो गए और बोले, आप मेरी ‘वोट चोरी’ वाली तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चर्चा करें। राहुल का चैलेंज स्वीकार करते हुए अमित शाह ने मुस्कुराते हुए कहा, मैं विपक्ष के नेता की तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस का पूरा जवाब दूंगा। हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हूं।

क्या घुसपैठिए प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री तय करेंगे? अमित शाह

गृह मंत्री ने सदन में सवाल उठाया, क्या किसी देश का लोकतंत्र सुरक्षित रह सकता है अगर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह घुसपैठिए तय करेंगे? एक मतदाता का एक से ज्यादा जगह वोट नहीं होना चाहिए। मृत लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि एसआईआर मतदाता सूची का शुद्धिकरण है, जिससे चुनाव पवित्र रहते हैं।

2004 के बाद अब 2025 में हो रहा एसआईआर

अमित शाह ने स्पष्ट किया, 2004 के बाद अब 2025 में एसआईआर हो रहा है और इस बार एनडीए की सरकार है। पहले किसी भी दल ने इसका विरोध नहीं किया था, क्योंकि यह चुनाव प्रक्रिया को स्वच्छ रखने का काम है। लोकतंत्र में अगर मतदाता सूची ही प्रदूषित हो तो चुनाव कैसे साफ रह सकते हैं? समय-समय पर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण जरूरी है। इसलिए चुनाव आयोग ने 2025 में एसआईआर करने का फैसला लिया है।

राहुल गांधी के चैलेंज के बाद सदन में जोरदार ठहाके और नारे गूंजे। अब सबकी नजर इस पर है कि अमित शाह कब और कैसे राहुल की तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस का विस्तृत जवाब देते हैं।