
जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर (Photo IANS)
Bihar Assembly Elections: बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि एसआईआर की मसौदा सूची पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगेगी। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर महागठबंधन के नेता चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर हमलावर है।
इस मुद्दे पर बात करते हुए जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव आयोग सभी हितधारकों को शामिल नहीं कर रहा है। वह यह साफ नहीं कर पा रहा है कि किन लोगों के नाम हटाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया इतनी पारदर्शी नहीं है। हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा।
इस मुद्दे पर सोमवार को विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद परिसर में जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित इंडी अलायंस के कई बड़े नेता और सांसद शामिल हुए।
खड़गे ने एसआईआर के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने कहा कि एसआईआर एकतरफा और पक्षपातपूर्ण तरीके से किया जा रहा है, जिससे निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। विपक्षी सांसदों ने यह भी मांग की कि एसआईआर जैसे गंभीर मुद्दे पर संसद में व्यापक चर्चा कराई जाए। उन्होंने कहा कि इसके जरिए वोटिंग का अधिकार छीनने की साजिश की जा रही है।
आपको बता दें कि बिहार में एसआईआर का पहला चरण बिहार में पूरा हो गया है। इसमें 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे है। चुनाव आयोग के अनुसार, उन लोगों के नाम हटाए गए जिनकी मृत्यु हो गई, या स्थाई रूप से किसी और राज्य में निवास कर रहे है।
Published on:
28 Jul 2025 06:56 pm
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