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पॉलिटिकल कमबैक कब करेंगी स्मृति ईरानी? 2026 को लेकर कही ये बात

Smriti Irani Political Comeback: अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी ने कहा कि 49 साल की उम्र में मैं तीन बार की सांसद रह चुकी हूं और पांच विभागों की मंत्री रह चुकी हूं। कई लोगों का करियर 49 की उम्र में शुरू होता है।

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क्या यूपी की राजनीति में होगी स्मृति ईरानी की री-एंट्री?

क्या यूपी की राजनीति में होगी स्मृति ईरानी की री-एंट्री?

Smriti Irani Political Comeback: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की फायरब्रांड नेता और अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी इन दिनों राजनीति से थोड़ी दूरी बनाए हुए हैं। इस बीच उनके पॉलिटिकल कमबैक को लेकर अटकलें तेज हैं। स्मृति ईरानी ने समाचार चैनल आज तक से बात करते हुए कहा कि उन्होंने राजनीति से रिटायरमेंट नहीं लिया है और अभी उनका सफर लंबा चलेगा।

2026 पर दिया इशारा

स्मृति ईरानी से जब उनके पॉलिटिकल कमबैक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, बीजेपी 2029 में क्या कहेगी, ये ना मैं जानती हूं और ना आप जानते हैं। बीजेपी 2029 में ही क्यों कहेगी, बीजेपी 2026 में भी कह सकती है, 2025 में भी कह सकती है। उनके इस बयान को संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि स्मृति ईरानी 2026 में किसी बड़ी भूमिका में वापसी कर सकती हैं।

'मेरा नाम स्मृति ईरानी है, चर्चाएं तो होंगी'

उन्होंने कहा कि उनके बारे में चर्चाएं हमेशा होती रही हैं और होती रहेंगी। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, मेयर का चुनाव होगा, मेरी बात आएगी। विधायक का चुनाव होगा, मेरी बात आएगी। सांसद का चुनाव होगा, तब भी मेरी बात आएगी, क्योंकि मेरा नाम स्मृति ईरानी है।

‘49 की उम्र में करियर शुरू होता है, अभी लंबा चलेगा’

स्मृति ईरानी ने कहा कि ये पॉलिटिकल रिटायरमेंट नहीं है। 49 की उम्र में लोगों का करियर शुरू होता है, मैं तो तीन बार सांसद रह चुकी हूं, पांच विभागों की मंत्री रह चुकी हूं। अभी तो लंबा चलेगा। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी कब, कहां, क्या जिम्मेदारी देगी, ये उन्हें नहीं पता, लेकिन संसद के माध्यम से उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की है।

‘धरनों की राजनीति, जेल और अमेठी की लड़ाई भी लड़ी’

अपने राजनीतिक संघर्ष को याद करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, मैंने 10 साल यूपीए सरकार के वक्त भी राजनीति की। धरने की राजनीति भी की, जेल भी काटी। मैंने अमेठी में उस समय भी काम किया जब यूपी में अखिलेश यादव की सरकार थी और तब भी चुनाव लड़ा जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। मतलब मैंने मौत के कुएं में छलांग… वो सब कर चुकी हूं।

अमेठी का इतिहास और गांधी परिवार पर निशाना

स्मृति ईरानी ने अमेठी के चुनावी इतिहास का जिक्र करते हुए कहा, अमेठी कभी जीतने वाली सीट थी ही नहीं। शरद यादव, मेनका गांधी जैसे नेता वहां से हार चुके हैं। गांधी परिवार ने उस सीट को इसलिए चुना था क्योंकि वहां का सामाजिक समीकरण ऐसा था कि वोट उसी परिवार को पड़ें। कोई समझदार नेता ऐसी सीट नहीं चुनता जहां हार निश्चित हो।

उन्होंने कहा कि जब पार्टी कोई सीट देती है तो उसे दायित्व मानकर स्वीकार करना पड़ता है। 2014 में हारने के बाद 2019 तक मैंने अमेठी में बहुत काम किया। लोगों में यह भाव था कि दीदी ने काम किया है तो एक मौका देना चाहिए।

कमबैक तय, लेकिन समय पार्टी तय करेगी

स्मृति ईरानी ने अपने अंदाज में साफ कर दिया कि वे राजनीति से दूर नहीं हुई हैं। उन्होंने अपने बयान से संकेत दिया है कि 2026 में वे बड़ी भूमिका में वापसी कर सकती हैं, हालांकि अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व का होगा। उनके मुताबिक, अभी उनका राजनीतिक सफर लंबा है और वे फिर से किसी भी भूमिका में जनता के बीच उतरने को तैयार रहेंगी।