
Strange Tradition Villagers Left Village For 12 Hours Every Year
भारत में प्राचीन काल से ही कई प्रथाओं को मानने वाले लोग रहते आए हैं। देश के अलग-अलग राज्य में अनूठी परंपराएं हैं। जिसे आज भी लोग मानते और मनाते हैं। ऐसी ही एक अनूठी परंपरा है, जिसमें एक इलाके के सभी लोग 12 घंटे के लिए वनवास पर चले जाते हैं। दरअसल जिस तरह सतयुग में भगवान राम 12 साल के लिए वनवास में गए थे। उसी तरह एक गांव के सभी लोग 12 घंटे का वनवास काटते हैं। इस दौरान पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहता है। ये गांव बिहार राज्य में स्थित है। जहां एक खास परंपरा के तहत ग्रामीण वनवास अवधि को पूरा करते हैं।
बिहार में कई प्रथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं, जिनका मौजूदा समय में भी लोग पूरी शिद्दत के साथ पालन करते हैं। पश्चिम चंपारण के बगहा का एक ऐसा ही गांव है जहां ग्रामीण वर्तमान में भी वनवास में जाते हैं।
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कब आते हैं वो 12 घंटे?
दरअसल इस गांव के लोग हर साल की बैसाख के नवमी के दिन 12 घंटों के लिए अपना घर छोड़ देते हैं। ग्रामीण इस अवधि में जंगलों में निवास करने चले जाते हैं।
इस विचित्र मान्यता का पालन वर्तमान में भी किया जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्यों सभी ग्रामीण 12 घंटों के लिए गांव को छोड़ कर जंगल में रहने चले जाते हैं?
क्यों वनवास में जाते हैं ग्रामीण?
चंपारण जिला के बगहा स्थित नौरंगिया गांव के लोग एक दिन के लिए पूरा गांव खाली कर देते हैं। वर्षों से ऐसी मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से देवी के प्रकोप से निजात मिलती है।
थारू बाहुल्य इस गांव के लोगों में अनोखी प्रथा को आस्था के साथ निभा रहे हैं। इसके चलते नवमी के दिन लोग अपने साथ-साथ मवेशियों को भी पीछे छोड़ने की हिम्मत नहीं करते हैं।
लोग जंगल में जाकर वहीं पूरा दिन बिताते हैं। बताया जाता है कि वर्षों पहले इस गांव में महामारी आई थी। गांव में अक्सर आग लगती थी। चेचक, हैजा जैसी बीमारियों का प्रकोप रहता था। यही नहीं हर साल प्राकृतिक आपदा से गांव में तबाही का मंजर नजर आता था। इससे निजात पाने के लिए यहां एक संत ने साधना कर ऐसा करने को कहा था।
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Published on:
11 May 2022 04:53 pm
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