7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को मिला रिकॉर्डेड कॉल, दिल्ली में कश्मीर का झंडा फहराने की धमकी

गणतंत्र दिवस से पहले एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को धमकी भरा कॉल मिला है। ये कॉल रिकॉर्डेड बताया जा रहा है। इसमें अज्ञात लोगों ने दिल्ली में कश्मीर का झंडा फहराने की धमकी दी गई है। इससे पहले भी खालिस्तानी समर्थकों ने ऐसा ही कॉल कर जान से मारने की धमकी दी थी।

2 min read
Google source verification

image

Dheeraj Sharma

Jan 24, 2022

Supreme Court Lawyers Get Threatening Call to host Kashmir Flag in Delhi

Supreme Court Lawyers Get Threatening Call to host Kashmir Flag in Delhi

गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे देश की शांति को भंग करने वालों की ओर से नापाक कोशिशें की जा रही है। पहले आतंकी हमले का अलर्ट तो अब देश की सर्वोच्च अदालत के वकीलों को धमकी भरे कॉल। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को एक बार फिर धमकी भरा कॉल आया है। ये कॉल रिकॉर्डेड बताया जा रहा है। गुमनान नंबर से आए इस ऑटोमेटेड कॉल यानी स्वचलित कॉल के जरिए गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कश्मीर का झंडा फहराने की धमकी दी गई है। ये मामला आर्टिकल 370 से जुड़ा बताया जा रहा है।

कॉलर इंडियन मुजाहिदीन का सदस्य

सुप्रीम कोर्ट के कुछ एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को किए गए धमकी भले कॉल में कॉलर ने खुद को इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य होने का दावा किया है। इस भेजे गए कॉल में कॉलर ने इस धमकी को आर्टिक 370 से जोड़कर बताया है। कॉलर ने कहा है कि कश्मीर से अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट उतना ही जिम्मेदार है जितना कि मोदी सरकार। बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

यह भी पढ़ें - Republic Day 2022 parade guidelines: बिना टीकाकरण और 15 साल से छोटे बच्चों को परेड में नहीं मिलेगी इजाजत

पहले भी आ चुका है कॉल

ये पहली बार नहीं है जब कि इस तरह का गुमनाम नंबर से धमकी भरा कॉल शीर्ष अदालत के वकीलों को मिला है। इस महीने की शुरुआत में ही वकीलों को यूनाइटेड किंगडम और कनाडा के गुमनाम नंबरों से कॉल आए थे। इन कॉल में पंजाब के हुसैनवाला फ्लाईओवर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी ली गई थी।

यह भी पढ़ें - सिख फॉर जस्टिस का दावा- हमने रोका पीएम का काफीला

सिख फॉर जस्टिस होने का दावा


इससे पहले आए कॉल में कॉलर ने खुद के 'सिख फॉर जस्टिस' का सदस्य होने का दावा किया था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को एक गैर सरकारी संगठन 'लॉयर्स वॉयस' के जरिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई से परहेज करने की चेतावनी भी दी गई थी। दरअसल लॉयर्स वॉयस ने पीएम की सुरक्षा भंग की जांच की मांग की थी।

इसी को लेकर कॉलर ने नाराजगी जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की थी। ऐसा ना करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी।