
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी (Photo-IANS)
Vice-President Election: भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार, 9 सितंबर को चुनाव होने जा रहा है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुदर्शन रेड्डी के बीच यह मुकाबला दक्षिण भारत के दो चेहरों के बीच 'दक्षिण vs दक्षिण' की जंग बन गया है। राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं, जबकि रेड्डी तेलंगाना से। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) वोट डालेंगे। मतगणना उसी शाम 6 बजे शुरू हो जाएगी। कुल निर्वाचक मंडल में 786 सदस्य हैं, जिसमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित (5 रिक्त), 12 मनोनीत और लोकसभा के 543 निर्वाचित (1 रिक्त) शामिल हैं। जीत के लिए 394 वोटों की जरूरत है।
यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक इस्तीफे के बाद जरूरी हो गया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया, जो तत्काल प्रभावी हुआ। संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत यह कदम उठाया गया। धनखड़ 2022 से उपराष्ट्रपति थे और इससे पहले 2019-2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। विपक्ष ने इस्तीफे को सरकार से मतभेद का नतीजा बताया, लेकिन सरकार ने स्वास्थ्य को प्राथमिकता बताया। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, रिक्ति को 6 महीने में भरना जरूरी था, इसलिए चुनाव आयोग ने 9 सितंबर की तारीख तय की। नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त थी, जिसमें 46 लोगों ने नामांकन दाखिल किया, लेकिन जांच के बाद केवल दो उम्मीदवार बचे।
आंकड़ों का गणित NDA के पक्ष में है। लोकसभा की 542 सदस्यीय सदन में NDA को 293 सदस्यों का समर्थन है, जिसमें BJP के 240, TDP के 16, JD(U) के 12, शिवसेना के 7 और अन्य सहयोगी शामिल हैं। राज्यसभा में 245 सदस्यीय सदन (प्रभावी संख्या 240) में NDA को 129 सदस्यों का साथ मिला है। कुल मिलाकर NDA के पास 422 वोट हैं, जो 394 के बहुमत को आसानी से पार कर जाते हैं। वहीं, INDIA ब्लॉक के पास लगभग 300 वोट हैं, जिसमें कांग्रेस के 99, SP के 37, TMC के 22, DMK के 22, RJD के 5 और अन्य जैसे AAP, CPI(M) शामिल हैं। YSRCP के 11 वोट NDA को मिल सकते हैं, जबकि BJD (7 राज्यसभा) और BRS (9) ने चुनाव से दूरी का फैसला किया है। 18 सांसदों का रुख अनिश्चित है, जो क्रॉस-वोटिंग की संभावना पैदा करता है, लेकिन NDA की जीत लगभग तय मानी जा रही है। विपक्ष इसे 'संविधान vs RSS-BJP' की वैचारिक लड़ाई बता रहा है।
NDA ने 68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन को चुना है, जो ओबीसी गौंडर-कोंगु वेल्लाला समुदाय से हैं। RSS से जुड़े इस BJP नेता को तमिलनाडु का प्रमुख चेहरा माना जाता है। वे 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। 2004-07 तक तमिलनाडु BJP के प्रदेश अध्यक्ष रहे और 19,000 किमी की रथ यात्रा का नेतृत्व किया। हाल ही में झारखंड (2023-24) और महाराष्ट्र (2024 से) के राज्यपाल रहे। PM मोदी और अमित शाह के करीबी राधाकृष्णन को दक्षिण भारत में BJP की पैठ बढ़ाने के लिए चुना गया। उनका नामांकन दाखिल करने के समय NDA के सभी मुख्यमंत्रियों ने समर्थन दिया। BJP इसे 'मिशन साउथ' का हिस्सा बता रही है।
विपक्ष ने 79 वर्षीय बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा, जो पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज हैं। 2011 में सेवानिवृत्त रेड्डी आंध्र प्रदेश के रंगारेड्डी जिले से हैं। उन्होंने 1971 में वकालत शुरू की, 1995 में आंध्र हाईकोर्ट जज बने और 2007 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। काले धन की जांच में सरकार की लापरवाही पर ऐतिहासिक फैसले दिए, सलवा जुडुम को असंवैधानिक घोषित किया। गोवा के पहले लोकायुक्त भी रहे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें 'प्रगतिशील न्यायविद' बताया। INDIA ब्लॉक का यह चयन TDP, YSRCP और BRS को दबाव में डालने का प्रयास है, क्योंकि रेड्डी आंध्र-तेलंगाना से हैं। रेड्डी ने वीडियो संदेश में सांसदों से 'राष्ट्रभक्ति' पर वोट देने की अपील की।
हालांकि नंबर गेम NDA के पक्ष में है, विपक्ष इसे वैचारिक लड़ाई बता रहा है। गुप्त मतदान से क्रॉस-वोटिंग संभव है, लेकिन NDA सहयोगी TDP-JD(U) के साथ मजबूत है। BRS-BJD की तटस्थता से 18 अनिश्चित वोट रोमांच जोड़ सकते हैं। यह चुनाव 2026 के राज्य चुनावों से पहले दक्षिणी राज्यों में BJP की रणनीति को मजबूत करेगा। कुल मिलाकर, राधाकृष्णन की जीत लगभग पक्की है, लेकिन वोटिंग संसदीय एकजुटता का आईना बनेगी।
Published on:
08 Sept 2025 04:07 pm
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