
भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी। (फोटो: एएनआई.)
Operation Sindoor Navy Chief: नई दिल्ली से एक सनसनीखेज खबर आई है, जहां भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने पाकिस्तान की नेवी (Operation Sindoor Navy Chief) की नाकामी का राज खोल दिया है। उन्होंने हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में मई 2025 के ऑपरेशन सिंदूर (Pakistan Navy Sindoor failure) के दौरान भारत की तेजतर्रार और साहसी रणनीति का जिक्र किया। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू इस ऑपरेशन ने पाकिस्तानी नौसेना को अपने बंदरगाहों और मकरान तट पर समेट दिया। एडमिरल त्रिपाठी (Admiral Tripathi Sindoor reveal) ने साफ कहा कि उत्तरी अरब सागर में कैरियर बैटल ग्रुप की तैनाती ने दुश्मन को एक इंच भी हिलने नहीं दिया। यह बयान नेवी डे से पहले आया है, जो 4 दिसंबर को धूमधाम से मनाया जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर की जीत भारत की तूफानी तैयारी में छिपी हुई है। एडमिरल ने बताया कि हमारी नौसेना ने फौरन आक्रामक रुख अपनाया, जिसमें 36 से ज्यादा जहाजों और पनडुब्बियों को तैनात किया था। पाक नौसेना का समुद्र में उतरने का साहस ही नहीं हुआ। यह ऑपरेशन पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद किया ्गया था, जहां भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया। नौसेना की भूमिका पर्दे के पीछे लेकिन अटल थी – कैरियर ग्रुप ने न सिर्फ नजर रखी, बल्कि दुश्मन के विमानों या जहाजों को पास आने से रोका। एडमिरल ने जोर देकर कहा, "हमारा जोश और फटाफट कदमों ने पाक नौसेना को अपनी सीमा पर कैद कर लिया।"
नेवी डे का जश्न 1971 के युद्ध की यादों से जुड़ा हुआ है, जब भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह को राख कर दिया। एडमिरल त्रिपाठी ने देशभक्तों को पहले ही नेवी डे की शुभकामनाएं दे दीं। उन्होंने कहा, "4 दिसंबर 1971 को हमारी निडर कार्रवाइयों ने पाकिस्तान का मनोबल तोड़ दिया। यह हमारे वीरों को नमन करने का दिन है, जिन्होंने जंग का मोड़ बदल दिया।" इस बार 3 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में शंगुमुघम बीच पर धमाकेदार कार्यक्रम होगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हिस्सा लेंगी। भारतीय नौसेना ने 1971 में पूर्वी-पश्चिमी दोनों मोर्चों पर पाक की सप्लाई रोक कर बांग्लादेश को आजादी दिलाई।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आधुनिक रक्षा नीति को चमकाया और आतंक को सीधे हमले जैसा मानना। नेवी चीफ ने खुलासा किया कि पाक की "सी डिनायल" योजना धरी रह गई, क्योंकि हमारी ताकत ने उन्हें तट से हिलने नहीं दिया। यह ऑपरेशन 7-10 मई तक चला, जहां राफेल लड़ाकू विमानों और मिसाइलों ने सटीक वार किए। नौसेना की मौजूदगी ने समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखा और जमीनी अभियानों को बल दिया। जानकारों का अनुमान है कि यह 1971 जैसा ही इतिहास रचने वाला कदम था।
इधर नेवी डे का उत्साह चरम पर है, जो नौसेना की शक्ति का प्रतीक है। एडमिरल ने जोर दिया कि 1971 के शहीदों का जज्बा हमें मजबूत बनाता है। इस साल इवेंट में नए युद्धपोतों का जिक्र होगा, जो भारत की समुद्री ताकत को नई ऊंचाई देंगे। ऑपरेशन सिंदूर से सिद्ध हुआ कि भारत अब रक्षात्मक ही नहीं, बल्कि आक्रामक भी है। दक्षिण एशिया में शांति के लिए यह मजबूत संदेश है।
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Updated on:
02 Dec 2025 05:31 pm
Published on:
02 Dec 2025 05:29 pm
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