रायसीना डायलॉग की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दों पर मंथन करने और उसका हल निकलने के लिए रायसीना डायलॉग को शुरू किया गया था। रायसीना डायलॉग के आयोजन की जिम्मेदारी विदेश मंत्रालय की ओर से ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन निभाता है। इसमें दुनिया के कई देशों के पॉलिसी मेकर्स, राजनेता और पत्रकार, विदेश, रक्षा और वित्त मंत्री शामिल होते हैं।
रायसीना डायलॉग अपने नाम को लेकर हमेशा सुर्खियों में आ जाता है। आखिर रायसीना डायलॉग नाम क्यों पड़ा। मामला सारा यह है कि, जिस तरह से सिंगापुर शांगरी-ला डायलॉग पूरी दुनिया में फेमस है। उसी तर्ज पर रायसीना डायलॉग है। रायसीना डायलॉग की बैठक विदेश मंत्रालय आयोजित करता है। और भारत के विदेश मंत्रालय का हेडक्वार्टर रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लॉक) में स्थित है। इसी वजह से इसका नाम रायसीना डायलॉग रखा गया है।
रायसीना डायलॉग 2022 में 90 देशों के 210 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। 2022 रायसीना डायलॉग 25 अप्रैल से 27 अप्रैल 2022 हुआ था। जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। पिछले साल इसकी थीम ‘टेरा नोवा: इम्पैसियनड, इंपेशेंट, एंड इम्पेरिल्ड’ थी। और मुख्य अतिथि यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन थीं।