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कौन हैं आर. एडमिरल विकास चावला? नेवी में संभाली अहम जिम्मेदारी, नियुक्ति पर जानिए उनकी उपलब्धियां और सफर

R. Admiral Vikas Chawla: आर. एडमिरल विकास चावला को असिस्टेंट चीफ ऑफ मैटेरियल नियुक्त किया गया है। फ्लैग रैंक में प्रमोशन के बाद नई दिल्ली स्थित नेवल हेडक्वार्टर में उन्होंने पदभार संभाल लिया है।

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भारत

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Saurabh Mall

Dec 05, 2025

Rear Admiral Vikas Chawla

आर. एडमिरल विकास चावला ने संभाला बड़ा पद (इमेज सोर्स: Spokes Person Navy एक्स)

Vikas Chawla Became Assistant Chief of Materiel: 03 दिसंबर, 2025 को फ्लैग रैंक पर प्रमोशन मिलने के बाद आर. एडमिरल विकास चावला ने नई दिल्ली स्थित नेवल हेडक्वार्टर में असिस्टेंट चीफ ऑफ मैटेरियल (डॉकयार्ड और रिफिट) के रूप में नया कार्यभार संभाल लिया है। उनकी नियुक्ति को भारतीय नौसेना के डॉकयार्ड और रिफिटिंग सिस्टम के लिए एक बड़ी मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। नेवी प्रवक्ता के अनुसार, उनके आने से नौसेना की मेंटेनेंस और मॉडर्नाइजेशन प्रक्रियाओं में और तेजी आने की उम्मीद है।

क्या होता है फ्लैग रैंक?

दरअसल, फ्लैग रैंक सैन्य सेवाओं में उच्च पद होता है, इनमें मुख्यतः रियर एडमिरल, वाइस एडमिरल और एडमिरल शामिल होते हैं। आसान शब्दों में समझे तो भारतीय नौसेना में फ्लैग रैंक वरिष्ठ पदों को कहा जाता है। ये सभी नौसेना के सबसे सीनियर और कमांड संभालने वाले अधिकारी होते हैं। इन सभी के पास ऑफिस या जहाज पर झंडा फहराने का विशेष अधिकार दिया जाता है। इसके अलावा उनके वाहनों पर विशिष्ट झंडे लगे होते हैं, ताकि अधिकारी की रैंक का पता चल सके।

आर. एडमिरल चावला के बारे में जानिए

31 साल पहले आर. एडमिरल विकास चावला साल 1994 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। उनकी पढ़ाई देश की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य संस्थानों में हुई है। इनमें नेशनल डिफेंस एकेडमी (खड़कवासला), नेवल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (लोनावाला) और नई दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज।

नौसेना में अपने लंबे करियर के दौरान उन्होंने आईएनएस रणवीर, आईएनएस मुंबई और आईएनएस तबर जैसे प्रमुख युद्धपोतों पर कई अहम जिम्मेदारियां संभाली। ये वे नियुक्तियां थीं, जहां समुद्र में तैनाती और ऑपरेशनल फैसले बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा, चावला ने मुंबई और विशाखापत्तनम के बड़े नेवल डॉकयार्ड में भी महत्वपूर्ण तकनीकी और प्रशासनिक भूमिकाएं निभाईं।

वे नेवल एकेडमी में ट्रेनिंग कैप्टन और हेड ऑफ फैकल्टी (इंजीनियर) भी रहे, जहां उन्होंने नौसेना की ट्रेनिंग प्रणाली को और मजबूत बनाया। नेवल हेडक्वार्टर में उन्होंने शिप प्रोडक्शन, नेवल ट्रेनिंग और स्वदेशीकरण जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी निभाई, जो भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण में अहम योगदान माना जाता है।