14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Year Ender 2025: वक्फ से वंदे मातरम तक, विवादों में घिरा रहा साल

साल 2025 राजनीतिक और सामाजिक विवादों से भरा रहा। वक्फ बिल, एसआईआर, ऑपरेशन सिंदूर, लेह हिंसा और वंदे मातरम जैसे मुद्दों ने देशभर में बहस छेड़ी और सुर्खियों में रहे।

3 min read
Google source verification

भारत

image

Ashib Khan

Dec 14, 2025

साल 2025 में इन मुद्दों पर मचा रहा सियासी घमासान

साल 2025 में इन मुद्दों पर मचा रहा सियासी घमासान (Photo-IANS)

Year Ender 2025: साल 2025 के समाप्त होने में महज कुछ ही दिन रह गए हैं। यह साल राजनीतिक परिदृश्य से काफी अहम रहा। इस साल सत्ता पक्ष और विपक्ष में कई मुद्दों पर बहस देखने को मिली। विपक्ष ने कई मुद्दों पर सड़क से लेकर संसद तक विरोध प्रदर्शन किया। वक्फ (संशोधन) अधिनियम की बहस से लेकर वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस चली। आइए जानते हैं वे कौन-कौन से मुद्दे हैं जिन पर साल 2025 में सबसे ज्यादा चर्चा हुई…

वक्फ (संशोधन) अधिनियम

साल 2025 में वक्फ (संशोधन) विधेयक चर्चाओं में रहा। इस बिल को लेकर विपक्ष ने संसद से लेकर सड़क तक विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल, इस बिल को लेकर मोदी सरकार का दावा था कि यह वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता लाएगा। इसके अलावा, यह वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को भी रोकेगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास’ की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने मोदी सरकार के इस बिल का विरोध किया। विपक्ष ने इसे मुस्लिम धार्मिक स्वायत्तता पर हमला भी करार दिया। इसके विरोध में मुस्लिम संगठनों ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन भी किए। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर याचिकाएं भी दायर की गईं। 

ऑपरेशन सिंदूर

अप्रैल 2025 में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इस हमले में 25 लोगों की मौत हो गई। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर कर इस हमले का बदला लिया। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। दोनों देशों के बीच ड्रोन युद्ध भी हुआ।

इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर एक्शन लेते हुए कई सख्त फैसले लिए। भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की और व्यापार रोका। बता दें कि यह साल का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा रहा। इस मुद्दे पर विपक्ष ने केंद्र सरकार का साथ तो दिया लेकिन मोदी सरकार पर अमेरिका के दबाव में सीजफायर करने का भी आरोप लगाया।

लेह हिंसा और सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर लेह में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस दौरान हिंसा हो गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस को भी आग लगा दी। वहीं सरकार ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर हिंसा को उकसाने का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र को दबाने की कोशिश बताया।

SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण)

देश में इस साल सबसे ज्यादा जो चर्चाओं में रहा है वो SIR का मुद्दा है। एसआईआर के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने जमकर प्रदर्शन किया। चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम किया। जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। विपक्ष ने संसद में इस पर बहस करने की मांग की, लेकिन सत्ता पक्ष ने इस मुद्दे पर बहस नहीं की। आखिर में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में चुनाव सुधार पर चर्चा की गई।

वंदे मातरम

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा की गई। पीएम मोदी समेत सत्ता पक्ष के सांसदों ने कांग्रेस और पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा। कांग्रेस पर आरोप लगाया गया कि मुस्लिम लीग की मांग पर गीत के छंद हटाकर इसे खंडित किया गया। वहीं कांग्रेस ने कहा- बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए मोदी सरकार वंदे मातरम पर चर्चा कर रही है।