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भूख हड़ताल के चलते AAP मंत्री सत्येंद्र जैन की बिगड़ी तबीयत, देर रात कराए गए अस्पताल में भर्ती

भूख हड़ताल के चलते AAP मंत्री सत्येंद्र जैन की बिगड़ी तबीयत, देर रात कराए गए अस्पताल में भर्ती  

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Satyendra Jain has been admitted to the hospital

Satyendra Jain has been admitted to the hospital

नई दिल्ली।

राजधानी दिल्ली में एलजी अनिल बैजल के आवास पर चल रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ भूख हड़ताल में शामिल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत खराब हो गई। भूख हड़ताल के बाद मंत्री सत्येंद्र जैन की रविवार को देर रात अचानक तबयत बिगड़ गई जिसके चलते उन्हें देर रात ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तबियत बिगड़ने की जानकारी खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से दी है।

आपको बता दें कि उप राज्यपाल के आवास पर पिछले सात दिनों से अरविंद केजरीवाल समेत अन्य मंत्री धरने पर बैठे है। एलजी के आवास पर चल रहे इस धरने में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी शामिल हैं। रविवार रात जैन की अचानक तबियत खराब होने के कारण उन्हें लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों की मानें तो सत्येंद्र जैन के भूख हड़ताल पर रहने से उनका शुगर और ब्लड प्रेशर कम हुआ है।

बता दें, शुक्रवार को सत्येंद्र जैन के वजन बढ़ने की खबर भी सामने आ रही थी और बाद में उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी साझा की थी। अनशन के कारण जैन का वजन करीब 4 किलोग्राम कम हो गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल करीब सात दिन से धरने पर हैं। वे सोमवार को अपने साथियों के साथ अपनी मांगों के समर्थन में उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जबतक उनकी सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती उनका धरना जारी रहेगा। इसी दौरान राजनिवास में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ राज्‍य के स्वास्थ्य मंत्री सत्‍येंद्र जैन अनशन पर बैठे हुए थे।


ये हैं वो 3 मांग जिसको लेकर केजरीवाल है धरने पर

- दिल्ली प्रशासन में काम कर रहे आईएएस अधिकारियों को उनकी हड़ताल खत्म करने का निर्देश देना
- गरीबों को उनके दरवाजे पर जाकर राशन वितरित करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने और
- अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग शामिल है, जो चार महीनों से सरकार के काम में अड़ंगा लगा रहे हैं।

आप सरकार का आरोप है कि प्रधानमंत्री के इशारे पर उपराज्यपाल प्रशानिक अधिकारियों को काम न करने को कहा है और कई योजनाओं की फाइल रोककर काम नहीं होने दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें लोकप्रिय सरकार को विफल दिखाना है।