
गाजियाबाद पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर बलराम ठाकुर को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
Gangster Balram Thakur: गाजियाबाद पुलिस ने कुख्यात अपराधी और अनिल दुजाना गैंग के सक्रिय सदस्य बलराम ठाकुर को मुठभेड़ में मार गिराया। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था। हाल ही में उसने गाजियाबाद के एक दुकानदार और लोहे के कारोबारी से लाखों रुपये की रंगदारी मांगी थी। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी थी। इसी बीच शनिवार को वेव सिटी थाना क्षेत्र में बलराम ठाकुर के मौजूद होने की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम ने इलाके की घेराबंदी की तो बलराम ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह घायल हुआ और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस दौरान तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए और पुलिस की गाड़ी पर गोलियां चलीं। मौके से तीन हथियार बरामद हुए। बलराम पर हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी और गैंगस्टर एक्ट समेत लगभग 34 मुकदमे दर्ज थे।
पुलिस जांच में सामने आया कि बलराम ठाकुर ही अनिल दुजाना गिरोह की गतिविधियां संभाल रहा था। वह बुलंदशहर के जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के रोगन गांव का रहने वाला था और लगातार व्यापारियों को रंगदारी के लिए धमकी दे रहा था। 16 और 17 सितंबर को गाजियाबाद के दो व्यापारियों से बड़ी रकम की मांग भी की गई थी। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने बताया कि आत्मरक्षा में हुई फायरिंग के दौरान बलराम घायल हुआ और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
गाजियाबाद में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया बुलंदशहर निवासी बलराम ठाकुर एमए तक पढ़ा-लिखा था, लेकिन शादी के बाद बहन की पिटाई ने उसे ऐसा आहत किया कि उसने अपराध की राह पकड़ ली। उसकी बहन को पीटने वाले साले पर हमला करने के मामले में पहली बार बलराम ठाकुर जेल गया। वहीं उसकी मुलाकात कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना और अन्य बदमाशों से हुई। इसके बाद बलराम ठाकुर ने अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनाने का फैसला कर लिया। बताते हैं कि कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना उसे अपना गुरु मानता था।
दरअसल, बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद कस्बा स्थित रोहनग्रान मोहल्ले का रहने वाले बलराम ठाकुर की शादी अहमदगढ़ थानाक्षेत्र के गांव खुदादिया निवासी एक युवती से हुई थी। शादी के लगभग छह महीने बाद ही उसकी पत्नी से अनबन हो गई। इसके बाद खुदादिया से उसके घर पहुंचे ससुराल वालों ने उसकी अविवाहित बहन को पीट दिया। बहन की पिटाई से बलराम ठाकुर इतना गुस्सा हुआ कि उसने अपने साले पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद उसे जेल जाना पड़ा। जेल में उसकी मुलाकात वेस्ट यूपी के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना से हुई। इसके बाद बलराम ठाकुर अनिल दुजाना गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया और लूट, हत्या, फिरौती और रंगदारी जैसी वारदातों में शामिल हो गया। वेस्ट यूपी में उसका खौफ था और जहांगीराबाद कोतवाली में उसकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई थी। उसके खिलाफ हत्या, लूट, गैंगस्टर एक्ट, एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट सहित 34 मुकदमे दर्ज थे।
कुछ माह पूर्व उसने ट्रांसपोर्टर शादाब का अपहरण कर फिरौती भी वसूली थी। बलराम ठाकुर पर 50 हजार रुपये का इनाम था और वह लगातार पुलिस की सूची में वांछित चल रहा था। बुलंदशहर जिला और उसके आसपास के जिलों में बलराम ठाकुर के खिलाफ 34 संगीन मामले दर्ज हैं। इनमें अनूपशहर, अहार, खुर्जानगर, कोतवाली देहात, जहांगीराबाद, सलेमपुर, सिकंदराबाद, गौतमबुद्ध नगर के रबूपुरा, दादरी, बादलपुर, अलीगढ़ के क्वार्सी, गभाना, हापुड़ और नोएडा के बीटा-2 थाने के मुकदमे शामिल हैं। इन थानों में बलराम ठाकुर के खिलाफ लूट, चोरी, गैंगस्टर, हत्या, एनडीपीएस, आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। शनिवार को पुलिस मुठभेड़ में उसका खात्मा हुआ। वहीं घर पर उसकी मां और छोटा भाई रहते हैं, जो गाजियाबाद की खबर मिलते ही घटनास्थल की ओर रवाना हो गए।
Published on:
21 Sept 2025 11:32 am
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