
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS आतंकी मॉड्यूल के पांच आतंकी दबोचे। (फोटोः ANI)
ISIS Terror Module: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकी संगठन ISIS से जुड़े पांच संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया। इन दहशतगर्दों के निशाने पर दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहर थे। पुलिस का दावा है कि यह गिरोह भारत में गजवा-ए-हिंद के नाम पर जिहाद छेड़ने और टारगेटेड किलिंग्स की योजना बना रहा था। गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दो आतंकियों को 12 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया, जबकि बाकी आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत अलग-अलग रिमांड पर रखा गया है।
विशेष सेल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रमोद कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मॉड्यूल का नेतृत्व झारखंड के अशहर दानिश उर्फ अशरार कुरैशी (23) कर रहा था। दानिश इंग्लिश ऑनर्स में ग्रेजुएट है और सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान में बैठे आका के संपर्क में था। यह आका एन्क्रिप्टेड चैट एप्स पर उनसे बातचीत करता था और इन्हें 'सीईओ', 'गजवा' और 'प्रोफेसर' जैसे कोड नेम से निर्देश देता था।
आरोपियों में मुंबई के आफताब कुरैशी और सूफियान अबूबकर, तेलंगाना के मोहम्मद हुजैफा और मध्य प्रदेश के कामरान कुरैशी भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, पाकिस्तान से मिले निर्देशों के आधार पर यह गिरोह जमीन खरीदकर उसे ‘खिलाफत जोन’ घोषित करने और वहां से आतंकी गतिविधियां फैलाने की योजना बना रहा था।
एसीपी कुशवाहा ने बताया कि आरोपियों को ऑनलाइन हथियार बनाने, आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) तैयार करने और जिहादी विचारधारा फैलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। गिरफ्तार आतंकियों के पास से सल्फर पाउडर, सोडियम बाइकार्बोनेट, बॉल बेयरिंग, गैस मास्क, बिजली के तार, फ्यूज पॉइंट, कारतूस और अन्य सामग्री बरामद की गई है, जिनका इस्तेमाल बम बनाने में किया जा सकता है।
पुलिस ने खुलासा किया कि यह ऑपरेशन कई महीनों की गुप्त निगरानी का नतीजा है। सबसे पहले हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास से आफताब और सूफियान को गिरफ्तार किया गया। वे मेवात निवासी एक सप्लायर से हथियार लेने आए थे और दिल्ली से भागने की कोशिश कर रहे थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद झारखंड, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में छापेमारी की गई, जहाँ से बाकी तीन आरोपियों को पकड़ा गया।
जांच में यह भी सामने आया है कि यह मॉड्यूल सिर्फ आतंकी गतिविधियां ही नहीं, बल्कि युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलकर भर्ती करने की योजना भी बना रहा था। सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैट के जरिए इनके नेटवर्क का लगातार विस्तार किया जा रहा था। फिलहाल, बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और जब्त किए गए दस्तावेजों की केंद्रीय एजेंसियां बारीकी से जांच कर रही हैं। पुलिस का मानना है कि इस मॉड्यूल के ध्वस्त होने से देश में बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम हो गई है।
Published on:
11 Sept 2025 06:31 pm
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