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इंस्टीट्यूट में 17 छात्राओं के यौन शोषण मामला, 50 दिनों तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा चैतन्यानंद

Chaitanyananda: पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरार रहने के दौरान चैतन्यानंद लगातार होटल बदलता रहा। ताकि पुलिस उसकी लोकेशन का पता न लगा सके। पिछले 50 दिनों में उसने 15 से अधिक होटलों में शरण ली।

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Chaitanyananda 50 days evaded police 17 girl students sexual exploitation case in Delhi Sri Sharda Institute

पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहा 17 छात्राओं का यौन शोषण करने का आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती।

Chaitanyananda: दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक निजी कॉलेज में 17 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार देर रात उसे उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित एक होटल से पकड़ा गया और रविवार को दिल्ली लाया गया। लंबे समय से फरार चल रहे इस आरोपी की तलाश में पुलिस ने कई राज्यों में छापेमारी की थी। खास बात ये है कि गिरफ्तारी होने के बाद भी छात्राओं का यौन शोषण करने का आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती पुलिस की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। कुछ भी पूछने पर कहता है कि उसे कुछ याद नहीं है।

50 दिनों में बदले 15 होटल

पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरार रहने के दौरान चैतन्यानंद लगातार होटल बदलता रहा। ताकि पुलिस उसकी लोकेशन का पता न लगा सके। पिछले 50 दिनों में उसने 15 से अधिक होटलों में शरण ली। वह खासतौर पर ऐसे छोटे और सस्ते होटलों में ठहरता था जहां सीसीटीवी कैमरों की सुविधा नहीं होती थी। उसकी इस भागदौड़ में सहयोगी मददगार बने हुए थे, जो उसके लिए होटल चुनते और ठहरने की व्यवस्था करते थे। फिलहाल पुलिस इन सहयोगियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।

जांच में सहयोग नहीं कर रहा आरोपी

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने चैतन्यानंद से पूछताछ शुरू कर दी है, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा। पूछताछ के दौरान उसने दावा किया कि उसे अपने मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस के पासवर्ड याद नहीं हैं। पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन और एक आईपैड जब्त किया है, जिन्हें जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है। इनमें से एक फोन में कॉलेज परिसर और छात्रावास का सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिससे वह छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत दर्ज होते ही कई विशेष टीमें गठित की गईं और उसे देश से भागने से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया। जांच में सामने आया कि चैतन्यानंद उत्तर प्रदेश के आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल में छिपा हुआ है। इसके बाद शनिवार देर रात लगभग 3:30 बजे पुलिस ने होटल में दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों के अनुसार, चार अगस्त को दर्ज एफआईआर के बाद से ही वह दिल्ली से फरार था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि बाबा ने कॉलेज की कई छात्राओं, खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के तहत पढ़ने वाली छात्राओं का यौन शोषण किया।

बार-बार बदलता रहा ठिकाना

गिरफ्तारी से बचने के लिए चैतन्यानंद ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन, मथुरा और आगरा जैसे शहरों में लगातार ठिकाना बदला। वह टैक्सियों का इस्तेमाल करके एक जगह से दूसरी जगह जाता था। पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो उसके पास से कई फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बरामद हुए। इनमें उसे संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) का स्थायी राजदूत, ब्रिक्स आयोग का सदस्य और भारत का विशेष दूत तक बताया गया था।

पीएमओ से संबंध का झूठा दावा

जांचकर्ताओं ने यह भी खुलासा किया है कि चैतन्यानंद और उसके सहयोगियों ने खुद को बचाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से करीबी संबंध होने का झूठा दावा किया। उसके सहयोगी कई लोगों को फोन कर यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते थे कि उनके पीएमओ से सीधे संपर्क हैं।

आगे की कार्रवाई

फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और उसके सहयोगियों की तलाश में जुटी हुई है। साथ ही जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि इस केस से जुड़े हर पहलू को खंगाला जाएगा ताकि प्रभावित छात्राओं को न्याय मिल सके और आरोपी के नेटवर्क का भी पर्दाफाश हो। यह मामला न केवल कॉलेज प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि आरोपी किस तरह फर्जी पहचान और प्रभावशाली संबंधों का हवाला देकर लंबे समय तक गिरफ्तारी से बचता रहा। अब पुलिस की कोशिश है कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जा सके।