इस इमारत की खासियत
आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के नए इमारत में बहुत सारी खुबियां है। सबसे बड़ी बात की इस इमारत का निर्माण आधुनिक तकनीक को ध्यान में रखते हुए पुराने ढांचे और अंदाज को मिलाकर बनाया गया है। इमारत का ढांचा 1960 की तर्ज पर है जिसमें जयपुर हाउस राजस्थान से प्रेरित छज्जे और लाल आगरा पत्थर का खास तौर से इस्तेमाल किया गया है। बता दें कि ई-कोर्ट, एसी, लाइब्रेरी सहित कई अन्य आधुनिक सुविधाओं से नई इमारत को लैस किया गया है। नई इमारत का डिजाइन ऐसा है कि ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक रोशनी अंदर आ सके। नए भवन में ई-डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं, जिनमें केस की प्रगति दिखती रहेगी।
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इमारत में क्या-क्या है व्यवस्थाएं
आपको बता दें कि इस नए इमारत में हर वह व्यवस्थाएं की गई है जो कि आज की आधुनिक व्यवस्था में होनी चाहिए।नए इमारत में 15 कोर्ट रूम बनाए गए हैं और सभी में वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था की गई है। 9 रजिस्ट्रार कोर्ट बनाने के साथ वकीलों के लिए भी एक चर्चा कक्ष बनाया गया है। इसके अलावा इस नए इमारत को बनाते वक्त हरियाली का ध्यान रखा गया है। इमारत की दीवारों पर ऐसे चैंबर लगाए गए हैं, जिसमें पौधे लगाए जा सकेंगे। बड़ी बात यह है कि इस इमारत में जितना भी पानी रोजाना खर्च होगा वह फिर से किसी न किसी कार्य में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस नए इमारत की सबसे खास बात यह है कि यह एक दिव्यांग मैत्री है। मतलब कि इमारत में हर उस सुविधा की व्यवस्था है जिसी जरूरत एक दिव्यांग को होती है। मसलन सुविधाजनक फर्श और शौचालय की व्यवस्था हर तल पर की गई है। इमारत के हर जगह को सीसीटीवी से कवर किया गया है जिससे कि सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान रखा जा सके।