5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दिल्ली विधानसभा में पेश होगी एक और CAG रिपोर्ट, आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच हंगामे के आसार!

CAG Report in Delhi: दिल्ली विधानसभा में एक अप्रैल को भाजपा सरकार एक और कैग रिपोर्ट पेश करेगी। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसकी जानकारी दी है। इसी के साथ आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सदन में हंगामे के आसार बढ़ गए हैं।

3 min read
Google source verification
CAG Report in Delhi: दिल्ली विधानसभा में पेश होगी एक और CAG रिपोर्ट, आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच हंगामे के आसार!

CAG Report in Delhi: दिल्ली विधानसभा में पेश होगी एक और CAG रिपोर्ट, आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच हंगामे के आसार!

CAG Report in Delhi: दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटी भाजपा सरकार विधानसभा में अब CAG की सात रिपोर्ट्स पर चर्चा कर चुकी है। इन रिपोर्ट्स पर चर्चा के दौरान विधानसभा में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच जमकर शोर-शराबा और हंगामा भी होता रहा है। अब मंगलवार को एक और कैग रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा होनी है। सोमवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसकी जानकारी दी है। विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि इस सत्र में यह कैग की छठवीं रिपोर्ट होगी। जिसपर सदन में चर्चा होनी है।

सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) विधानसभा में पेश करेंगी CAG रिपोर्ट

दरअसल, दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) एक और महत्वपूर्ण सीएजी रिपोर्ट पेश करने जा रही हैं। यह रिपोर्ट एक अप्रैल को सदन में रखी जाएगी और इसका फोकस राजधानी में प्रदूषण और उसकी रोकथाम से जुड़े मुद्दों पर रहेगा। इससे पहले दिल्ली सरकार से संबंधित शराब नीति, स्वास्थ्य सेवाएं और डीटीसी पर भी कैग की रिपोर्टें सदन में रखी जा चुकी हैं। सीएजी की ऑडिट रिपोर्टों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने पूर्व आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) को करीब 70,471 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta) ने दी ये जानकारी

मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में रखी जाने वाली कैग रिपोर्ट की जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta) ने बताया “14 CAG रिपोर्ट हैं जो पेंडिंग हैं। इसमें से आठवीं कैग रिपोर्ट कल सदन में पेश की जाएगी। इस सत्र में ये छठी रिपोर्ट है। इससे पहले दो रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जा चुकी थीं। ये कैग रिपोर्ट वाहन और वायु प्रदूषण पर है। वाहन और वायु प्रदूषण के रोकथाम के लिए इसमें पता चलेगा कि पिछली सरकार ने क्या उपाय किए हैं। अगले दो दिन इसपर चर्चा चलेगी।”

आगे के प्रोसीजर के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा "पहले वाली कैग की रिपोर्ट पीएसी को भेजी जा चुकी है। एक रिपोर्ट जो डीटीसी पर थी। वो कमेटी ऑन गवर्नमेंट अंडरटेकिंग को दी गई है। इसके अलावा संबंधित विभागों से इसपर एक्‍शन टेकन नोट भी मांगा गया है। जो एक महीने में मिलना है। इसके बाद पीएसी में इसपर पैरावाइज चर्चा होगी। सीएजी के अधिकारी हमारे संपर्क में हैं। वो भी बैठकों में हिस्सा लेंगे।”

यह भी पढ़ें : एक महीने में ऐसा क्या हो गया कि…ईद पर आम आदमी पार्टी ने रेखा सरकार की योग्यता पर उठाए सवाल

उन्होंने आगे कहा “इसमें पूछताछ होगी। तमाम कागजात पर विचार विमर्श होगा। विभागों से बातचीत होगी। इसके बाद सदन के पटल पर रिपोर्ट रखी जाएगी। इसके बाद सदन फैसला लेगा कि उनपर क्या कार्रवाई की जाए। CAG की रिपोर्ट में जो भी सरकारी खजाने का नुकसान हुआ है या भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है यदि वह सत्य निकलती है तो दिल्ली विधानसभा का सदन किसी भी फैसले कि लिए सक्षम है।"

पहली कैग रिपोर्ट में शराब नीति पर चर्चा, हुआ था हंगामा

शराब नीति को लेकर आई पहली सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि रद्द की गई नई शराब नीति के चलते सरकार को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में लाइसेंस वितरण में गड़बड़ियों और कुछ खास लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए गए थे। इस पर आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के आरोपों का जवाब दिया था। इसके बाद दूसरी रिपोर्ट मोहल्ला क्लीनिक और स्वास्थ्य योजनाओं पर आई थी, जिसमें फंड के इस्तेमाल और खर्च की पारदर्शिता को लेकर कई सवाल उठाए गए थे। इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया था।

कैग रिपोर्ट में डीटीसी को भारी नुकसान

इससे पहले दिल्ली विधानसभा में डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) को हुए भारी नुकसान पर चर्चा की गई थी। सरकार ने बताया कि डीटीसी को कुल 70,471 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें 14,198 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा शामिल है। कुल 814 रूट्स में से सिर्फ 468 पर ही बसें चलाई गईं। बजट का बड़ा हिस्सा सिर्फ विज्ञापनों पर खर्च हुआ। जबकि केंद्र सरकार से मिले 233 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं किए गए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहले दिल्ली में 4344 बसें थीं, जो अब घटकर 3937 रह गई हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि डीटीसी की साझेदार एजेंसी IDFC ने दिल्ली सरकार को सलाह दी थी कि वह उसके हिस्सेदारी वाले शेयर खरीद ले।

यह भी पढ़ें : दिल्ली-आगरा हाईवे पर बढ़ा टोल टैक्स, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए भी नया अपडेट

कैग रिपोर्ट में साल 2015-16 से 2021-22 तक जिक्र

सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में 2015-16 से 2021-22 तक की अवधि को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में डीटीसी के संचालन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों और लापरवाही का जिक्र है, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट अब सरकारी उपक्रमों की समिति को सौंपी जा रही है, जिसे तीन महीने के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। साथ ही, परिवहन विभाग और डीटीसी को भी एक महीने के अंदर विधान सचिवालय को अपनी कार्रवाई रिपोर्ट (Action Taken Report) जमा करनी होगी।