
दिल्ली में 17 छात्राओं के साथ कांड के बाद फरार चैतन्यानंद सरस्वती | Image Source - 'X'
Chaintyanand Saraswati escape up police investigation: दिल्ली के एक प्राइवेट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में 17 छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करने वाले आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी फरार है। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी वर्तमान में यूपी में किसी स्थान पर छिपा हो सकता है और उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में थी। पुलिस टेक्निकल सर्विलांस और इंटेलिजेंस नेटवर्क के जरिए उसकी गिरफ्तारी की कोशिश में जुटी है।
चैतन्यानंद पर ना केवल छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का आरोप है, बल्कि वह 'यूनाइटेड नेशंस वाली ऐश' का इच्छुक भी पाया गया। इसके लिए उसने फर्जी नंबर प्लेट का उपयोग किया। पुलिस ने संस्थान के बेसमेंट में एक लग्जरी वॉल्वो कार बरामद की, जिस पर फर्जी UN डिप्लोमैटिक नंबर 39 UN 1 लगा था। इस कार से आरोपी क्या लाभ उठा रहा था, यह अब भी जांच का विषय है।
चैतन्यानंद की विवादों से भरी हुई पुरानी फाइल्स पुलिस खंगाल रही है। पहली बार 2009 में दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ के मामले में वह सुर्खियों में आया था। 2016 में भी इसी इंस्टीट्यूट की एक छात्रा ने उस पर छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। अब इसी तरह के नए केस में आरोपी की पुरानी फाइल्स और आरोपों को देखा जा रहा है।
श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में ईडब्ल्यूएस स्कॉलरशिप के तहत पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट कोर्स की छात्राओं ने हाल ही में चैतन्यानंद पर गंभीर आरोप लगाए। 32 छात्राओं में से 17 ने अश्लील वॉट्सऐप मैसेज और गलत शारीरिक संपर्क के आरोप लगाए। इसके बाद संस्थान ने वसंत कुंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन गिरफ्तारी से पहले आरोपी फरार हो गया।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल सबूत फॉरेंसिक लैब में भेजे हैं। 16 पीड़िताओं के बयान पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज कराए जा चुके हैं। पुलिस संस्थान में और अन्य छात्राओं से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कुल कितनी छात्राओं को आरोपी ने शिकार बनाया और कब से ऐसा कर रहा था।
प्रशासक पीए मुरली ने 4 अगस्त को आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने बीएनएस की धारा 75 (2), 79 और 351 (2) के तहत केस दर्ज किया। इसके अलावा, फर्जी UN नंबर वाली कार के लिए 25 अगस्त को अलग मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें धारा 345 (3), 318 (4), 336 (3) और 340 (2) लागू की गई।
संस्थान के संस्थापक श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम्, श्रृंगेरी ने बयान जारी किया कि चैतन्यानंद के अवैध और अनुचित कृत्यों का संस्थान से कोई संबंध नहीं है और सभी संबंध समाप्त कर दिए गए हैं।
Updated on:
24 Sept 2025 04:01 pm
Published on:
24 Sept 2025 03:50 pm
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