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रैंक के हिसाब से नहीं बदलेगी रिटायरमेंट की उम्र, दिल्ली हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Indian Coast Guard Retirement Age: दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडियन कोस्ट गार्ड में अलग-अलग रैंक के लोगों के लिए रिटायरमेंट उम्र को असंवैधानिक बताते हुए पुराने नियमों को रद्द कर दिया है।

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Indian Coast Guard retirement

इंडियन कोस्ट गार्ड में रैंक के हिसाब से अलग-अलग रिटायरमेंट उम्र खत्म (Photo: Indian Coast Guard Facebook)

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को इंडियन कोस्ट गार्ड में रिटायरमेंट की उम्र को लेकर दायर याचिका की सुनवाई की और इस मामले में एक अहम फैसला सुनाया। इससे कोस्ट गार्ड की पूरी सेवा व्यवस्था प्रभावित होगी। कोर्ट ने कहा कि एक ही विभाग में काम करने वाले अधिकारियों के लिए अलग-अलग रिटायरमेंट उम्र रखना संवैधानिक रूप से सही नहीं है। हाईकोर्ट ने पुराने नियम, जो इतने साल से बिना किसी आपत्ति के लागू थे, को खारिज कर दिया। इस फैसले से कोस्ट गार्ड की रिटायरमेंट पॉलिसी में बड़ा बदलाव होने वाला है।

क्या था पुराना सिस्टम और याचिका की वजह?

इंडियन कोस्ट गार्ड में लंबे समय से यह व्यवस्था लागू थी कि कमांडेंट और उससे नीचे के रैंक के अधिकारी 57 साल की उम्र में, जबकि कमांडेंट से ऊपर के रैंक वाले अधिकारी 60 साल की उम्र में रिटायर होंगे। इसी अंतर को लेकर कई अधिकारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि एक ही सेवा में काम कर रहे दो समूहों के लिए अलग-अलग रिटायरमेंट आयु तय करना अनुच्छेद 14 और 16 के खिलाफ है, क्योंकि इसका कोई तार्किक आधार नहीं है।

जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने भी माना कि रैंक के आधार पर उम्र में फर्क रखने का कोई मजबूत कारण नहीं है। कोर्ट ने माना कि जब सभी अधिकारी एक ही तरह का काम करते हैं और एक जैसी चुनौतियों का सामना करते हैं, तो रिटायरमेंट उम्र में भेदभाव ठीक नहीं है। बेंच के अनुसार, कोस्ट गार्ड (जनरल) रूल्स, 1986 के रूल 20(1) और 20(2) समानता के संवैधानिक मानकों पर खरे नहीं उतरते।

केंद्र सरकार ने क्या कहा?

केंद्र सरकार ने अदालत में कहा कि कोस्ट गार्ड समुद्री सेवा है, जहां पानी, जहाजों और एविएशन प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी होती है। इन कामों के लिए कम उम्र वाले और ज्यादा फिट अधिकारियों की जरूरत होती है। इस वजह से नीचे के रैंक में 57 साल की रिटायरमेंट उम्र तय की गई थी। लेकिन कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 60 वर्ष की रिटायरमेंट उम्र अब कोस्ट गार्ड के हर रैंक पर लागू होगी और असमानता पैदा करने वाले पुराने नियम को खत्म करने का निर्देश दिया।

CAPFs के मामलों का दिया हवाला

कोर्ट ने अपने फैसले में याद दिलाया कि इससे पहले BSF, CRPF, ITBP और SSB से जुड़े मामलों में भी डिवीजन बेंच ने अलग-अलग रिटायरमेंट आयु को असंवैधानिक घोषित किया था और सभी बलों पर बराबर रिटायरमेंट आयु लागू करने का निर्देश दिया था। हालांकि कोस्ट गार्ड सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) का हिस्सा नहीं है, फिर भी न्यायालय ने समानता को आधार बनाकर वही तर्क इस मामले में भी लागू किया।

क्या हैं आर्टिकल 14 और 16?

आर्टिकल 14 के अनुसार कानून के सामने सभी लोग बराबर हैं और किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता है। वहीं अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में सबको बराबर मौका देने की बात करता है और नौकरी की शर्तों में किसी तरह की नाइंसाफी की अनुमति नहीं देता। इस मामले में कोस्ट गार्ड (जनरल) रूल्स, 1986 के रूल 20(1) और 20(2) इन दोनों आर्टिकल्स का उल्लंघन कर रहे थे। इसी को आधार बनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने इन नियमों को खारिज कर दिया।


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