
दिल्ली में लड़की के पेट से ट्यूमर निकालने वाली डॉक्टरों की टीम।
Tumor in Stomach: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 19 साल की लड़की की जिंदगी बचाकर एक बड़ी चिकित्सीय उपलब्धि हासिल की है। लड़की के पेट में पिछले पांच साल से ट्यूमर बढ़ रहा था, जिसका आकार धीरे-धीरे इतना बड़ा हो गया कि उसने पूरे पेट पर कब्जा कर लिया। जब उसे अस्पताल लाया गया तो उसके पेट में मौजूद यह गांठ करीब 10.1 किलोग्राम वजनी और 30 x 20 x 20 सेंटीमीटर की थी।
डॉक्टरों के अनुसार, यह दुर्लभ रेट्रोपेरिटोनियल ट्यूमर था, जिसने आसपास के महत्वपूर्ण अंगों और रक्त वाहिकाओं को विस्थापित कर दिया था। यह स्थिति सर्जिकल टीम के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती थी। हालांकि, सफदरजंग अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने बिना किसी जटिलता के इस ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया।
ऑपरेशन में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, सीटीवीएस विशेषज्ञों, ओटी और आईसीयू स्टाफ की एक बड़ी टीम शामिल रही। सर्जरी के दौरान सभी का एक ही उद्देश्य था। मरीज के सभी अंगों को सुरक्षित रखना और उसके शरीर को फिर से सामान्य कार्य करने लायक बनाना। ऑपरेशन के बाद युवती को एचडीयू वार्ड-24 में गहन निगरानी में रखा गया, जहां उसकी लगातार देखभाल की गई। कुछ दिनों की रिकवरी के बाद अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट गई है।
अस्पताल प्रशासन ने HT को बताया कि यह केस न सिर्फ एक मेडिकल उपलब्धि है बल्कि सफदरजंग अस्पताल की विशेषज्ञता, टीमवर्क और जीवन रक्षक देखभाल के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस सर्जरी ने उस युवती और उसके परिवार को नई जिंदगी और भविष्य की उम्मीद दी है। इस पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व डायरेक्टर डॉ. संदीप बंसल, प्रिंसिपल डॉ. गीतिका खन्ना, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. चारु बांबा और एचओडी एनेस्थीसिया डॉ. कविता शर्मा ने किया। वहीं सर्जरी यूनिट एस6 की प्रमुख प्रोफेसर डॉ. शिवानी बी. परुथी के नेतृत्व में सर्जिकल टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को सफल बनाया।
डायरेक्टर डॉ. संदीप बंसल और विशेषज्ञों ने बताया कि ट्यूमर से बचाव के लिए जीवनशैली में थोड़े बदलाव जरूरी हैं। संतुलित आहार लें, जिसमें हरी सब्जियां, फल और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों। नियमित व्यायाम करें और वजन को नियंत्रित रखें। तंबाकू, शराब और प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें। किसी भी असामान्य सूजन, दर्द या गांठ महसूस होने पर देर न करें और तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। समय पर निदान और इलाज से अधिकांश मामलों में ट्यूमर को शुरुआती अवस्था में ही रोका जा सकता है।
Updated on:
09 Oct 2025 04:48 pm
Published on:
09 Oct 2025 04:37 pm
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