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रेप केस में समीर मोदी को बड़ी राहत, साकेत कोर्ट ने पांच लाख के मुचलके पर दी जमानत, जानें पूरा मामला

Delhi Saket Court: दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आरोपी को जमानत देने का विरोध किया था। पुलिस का कहना था कि अपराध गंभीर प्रकृति का है और आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।

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Delhi Saket court grants bail to Sameer Modi in rape case on a surety of Rs 5 lakh

हाईप्रोफाइल रेप केस में समीर मोदी को मिली जमानत। (सांकेतिक तस्वीर)

Delhi Saket Court: राजधानी दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बुधवार को एक अहम आदेश सुनाते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी के भाई समीर मोदी को बड़ी राहत दी। रेप केस में गिरफ्तार समीर मोदी को अदालत ने पांच लाख रुपये के मुचलके पर जमानत प्रदान की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विपिन खरब ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। कोर्ट में सुनवाई संवेदनशील मामले को देखते हुए बंद कमरे में हुई थी।

दिल्ली पुलिस ने किया जमानत का विरोध

दरअसल, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आरोपी को जमानत देने का विरोध किया था। पुलिस का कहना था कि अपराध गंभीर प्रकृति का है और आरोपी के खिलाफ पीड़िता के बयानों के आधार पर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि एफआईआर दर्ज होने के महज चार दिन के भीतर ही पुलिस ने समीर मोदी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया था, जबकि एफआईआर 10 सितंबर को दर्ज हुई थी। उनका कहना था कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में और नियमों के विपरीत अपनाई गई।

दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा

समीर मोदी के खिलाफ मामला दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता महिला ने पुलिस को बताया था कि 2019 से समीर मोदी लगातार उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करता रहा। महिला का आरोप है कि जब उसने शादी की बात पर जोर दिया तो समीर ने इंकार कर दिया और उसे जान से मारने की धमकी भी दी। महिला की शिकायत को गंभीर मानते हुए दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया और समीर मोदी को गिरफ्तार किया था।

बचाव पक्ष का दावा

इस मामले में समीर मोदी के वकीलों ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि यह पूरा मामला झूठ और पैसों की उगाही से जुड़ा है। समीर मोदी की ओर से कहा गया कि शिकायतकर्ता ने आरोपी से लगभग 50 करोड़ रुपये की मांग की थी। इस मांग को न मानने पर ही महिला ने रेप का आरोप लगाकर केस दर्ज करवाया। बचाव पक्ष का यह भी कहना है कि उनके मुवक्किल की छवि खराब करने की साजिश की जा रही है। फिलहाल, कोर्ट ने पुलिस को मामले की आगे की जांच जारी रखने के निर्देश दिए हैं।

जांच पूरी होने तक कोर्ट की शर्तें पूरी करेगा आरोपी

साकेत कोर्ट ने सभी तर्कों को सुनने के बाद आरोपी को 25 सितंबर को जमानत देने का फैसला सुनाया। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच पूरी होने तक आरोपी को कोर्ट की शर्तों का पालन करना होगा। कोर्ट ने कहा कि आरोपी किसी भी तरह से पीड़िता या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगा और न ही विदेश यात्रा कर सकेगा।

दोनों पक्षों के दावों और सबूतों पर जारी रहेगी जांच

जमानत मिलने के बाद भी समीर मोदी की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। फिलहाल, वह 6 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में थे, लेकिन अब अदालत की शर्तों के साथ बाहर रहेंगे। पुलिस ने संकेत दिए हैं कि दोनों पक्षों के दावों और सबूतों के आधार पर आगे की जांच जारी रहेगी। यह देखना अहम होगा कि इस हाई-प्रोफाइल केस में जांच किस दिशा में जाती है और अदालत में पेश होने वाले सबूतों से क्या निष्कर्ष निकलता है।

कौन है ललित मोदी?

गौरतलब है कि समीर मोदी आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी का भाई है। ललित मोदी खुद मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के कई मामलों में भारत से फरार चल रहे हैं और लंदन में शरण लिए हुए हैं। उन पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया है। भारत सरकार लगातार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिल सकी है। समीर मोदी का नाम सामने आने के बाद इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर मोदी परिवार को विवादों के घेरे में ला खड़ा किया है।