द्वारका हादसा: बेटी को बचाने में गई पिता की जान, बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल
पहला हादसा
पहला हादसा 27 जुन की रात का है। 27 जून को दिल्ली में तेज बारिश हुई थी। बारिश की वजह से द्वारका में करंट लगने की वजह से एक स्टूडेंट की मौत हो गई थी। दरअसल, उस रात एक स्टूडेंट अपने कोचिंग से निकल कर रामफल चौक पर अपने दोस्तो के साथ चाय पी रहा था। इसी दौरान बारिश में बीएसईएस के पोल के साथ लगे लोहे की बोर्ट को उसने छू लिया, जिससे करंट लगने से उसकी मौत होई । वहीं, उससे बचाने के लिए उसके अन्य तीन दोस्त भी करंट की चपेट में आ गए थे लेकिन एक पुलिस वाले की समझदारी की वजह से उनकी जान बच गई। बता दें कि इस मामले में बीएसईएस पर लापरवाही का मामला भी दर्ज हुआ था, लेकिन अभी तक कोई कोर्रवाई नहीं हुई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दाती महाराज के खिलाफ सीबीआई जांच पर पुलिस से मांगा जवाब
दूसरा हादसा
वहीं, दूसरा मामला द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन का है। यहां ड्रेन के उपर बने फुटपाथ का लेंटर गिरने की वजह से वहां से जा रहे दो लोग उसकी उसकी चपेट में आ गएष जिससे उन्हें चोटें आई थीं। बता दें कि यह हादसा भी बारिश के बाद हुआ था। लेकिन अब तक इस मामले को 10 दिन से भी ज्यादा हो चुका है लेकिन अभी तक उस जगह की मरम्मत नहीं की गई।
दिल्ली: प्रेमिका को लूटने घर पहुंचा, विरोध करने पर चाकुओं से गोदा
तीसरा हादसा
तीसर हादसा रविवार रात का है। द्वारका के ककरोला डेयरी इलाके के हरि विहार में घर की छत गिरने से सुनील और उनकी पत्नी की मौत हो गई, जबकि तीन बच्चे घायल है। पूरा परिवार RZ-92 नंबर वाले मकान में रहता था। हादसे ने तीनों बच्चों के सिर से मां-बाप का साया छीन लिया है। वहीं, मां-बाप की मौत के बाद बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। नौ साल की राधिका रोते -रोते बस यही बोल रही है कि पापा मुझे बचाने में खुद ही छत के नीचे दब गए।