
फर्जी डिग्री विवाद: जितेंद्र सिंह तोमर पर बार काउंसिल से धोखाधड़ी के आरोप तय
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जिंतेंद्र सिंह तोमर एक बार फिर मुश्किले बढ़ती नजर आ रही है। कोर्ट ने जितेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ फर्जी डिग्री विवाद मामले में शनिवार को आरोप तय कर दिए है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें एडवोकेट के तौर पर रजिस्ट्रेशन के लिए बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगया है।
आपराधिक साजिश रचने का आरोप
यही नहीं कोर्ट ने उनके पर आपराधिक साजिश रचने का भी आरोपी माना है। बता दें कि इस मामले में अदालत ने 14 आरोपियों में से 9 के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। वहीं, पांच को बरी कर दिया गया है। अडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट ने आप विधायक को जाली दस्तावेजों को वास्तविक बताकर पेश करने के लिए आरोपी भी ठहराया है।
चार्जशीट में लगाए गए आरोप कहीं से निराधार नहीं
फर्जी डिग्री विवाद मामले में एसीएमएम ने 55 पन्नों के में आरोप तय किया है। एसीएमएम ने कहा कि आरोप तय किए जाने के दौरान यह देखा जाता है कि आरोपी के खिलाफ अपराध को लेकर गंभीर शक पैदा हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि इस मामले में पीड़ितों, अन्य लोगों और जांच कर रहे पुलिसवालों के बयानों को देखते हुए साफ नजर आ रहा है कि तोमर पर चार्जशीट में लगाए गए आरोप कहीं से निराधार नहीं हैं।
क्या है मामला...
गौरतलब है कि आरोपी जितेंद्र सिंह तोमर ने बीसीडी में एनरोलमेंट के लिए जाली मार्कशीट्स और डिग्रियों का इस्तेमाल किया था। यहीं नहीं उन्होंने जांच के दौरान पुलिस को आरटीआई भी फर्जी दी। जिसके बाद उन्होंने बीसीडी के साथ धोखाधड़ी की। अगर वह जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल न करते तो उनका बीसीडी में एनरोलमेंट नहीं होता।
Published on:
22 Jul 2018 10:12 am
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