
नई दिल्ली। एक ओर जहां कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) की वजह से भारत समेत पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन ( Lockdown in india ) ने सड़क हादसों में भारी कमी ला दी है।
लॉकडाउन के चलते सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद होने से देश में 8 से 10 हजार जिंदगी बचीं हैं।
जानकारों की मानें तो अगर लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया जाता है तो सड़क हादसों ( Road accident in india ) में जानें वाली छह हजार से ज्यादा जानें बच सकती हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में रोजाना सड़क हादसों की वजह से औसतन 413 लोगों की मौत होती है। वैश्विक स्तर पर देखें तो लॉकडाउन में सड़क दुर्घटनाएं न होने से रोजाना 3,700 लोगों की जान बच रही है।
सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय का आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल 4.5 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें तकरीबन 1.5 लोगों की मौत होती है।
2018 की बात करें तो इस साल 4,67,044 सड़क हादसों में 1,51,417 लोगों ने जान चली गई।
सड़क हादसों का लेखा-जोखा
देश में कुल वाहन - करीब 24 करोड़
देश में वर्ष पर्यन्त दुर्घटनाएं- 1.50 लाख
देश में प्रतिदिन मौत 413
भारत में रोजाना 1,279 हादसे
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट अनुसार दुनियाभर में सड़क हादसों की वजह से हर साल लगभग 13.5 लाख लोगों की मौत होती है।
इस हिसाब से रोजाना मरने वालों की संख्या 3,700 है। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस से हुई अब तक मौतों का आंकड़ा सड़क हादसों में जान गंवाने वालों लोगों की अपेक्षा बहुत कम है।
ऐसे में अगर केंद्र सरकार अगर लॉकडाउन को 15 दिन के लिए भी बढ़ाती है, तो सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लगभग छह हजार लोगों की जान बच सकती है।
Updated on:
11 Apr 2020 10:45 pm
Published on:
11 Apr 2020 08:26 pm
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