8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Artificial Rain Plan: दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने वाली थीं सीएम रेखा गुप्ता, मॉनसून की एंट्री से अब टल गई तारीख

Artificial Rain Plan Postponed: दिल्ली में सीएम रेखा गुप्ता क्लाउट सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना चुकी थीं। इसी बीच मॉनसून की धमाकेदार एंट्री हो गई। इससे यह योजना फिलहाल टाल दी गई है।

2 min read
Google source verification
CM Rekha Gupta

दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता। (Photo : @gupta_rekha)

Artificial Rain Plan Postponed: दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए सीएम रेखा गुप्ता ने क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश कराने का निर्णय लिया था। रेखा गुप्ता की कैबिनेट ने इसे मंजूरी भी दे दी थी। साथ ही इसके लिए 4 से 11 जुलाई के बीच तारीख भी तय हो गई थी, लेकिन इसी दौरान मॉनसून की दिल्ली में धमाकेदार एंट्री के साथ ही झमाझम बारिश शुरू हो गई। मौसम के अनुकूल न होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब यह परियोजना नई तिथियों के साथ निर्धारित की गई है और इसके संचालन की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को सौंपी गई है। यह परीक्षण अब 30 अगस्त से 10 सितंबर 2025 के बीच होगा।

दिल्ली के वायु प्रदूषण को देखते हुए लिया गया निर्णय

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने विज्ञान आधारित समाधान को प्राथमिकता दी है। इस दिशा में क्लाउड सीडिंग तकनीक का परीक्षण एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस परीक्षण को लेकर दिल्ली सरकार ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से भी अंतिम मंजूरी प्राप्त कर ली है। इसके तहत, दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश का प्रयोग किया जाएगा। जो वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।

यह भी पढ़ें : दिल्ली-एनसीआर समेत इन जिलों में मॉनसून का तांडव, अति भारी बारिश और आंधी-तूफान का अलर्ट

आधिकारिक रूप से यह परियोजना पहले 4 से 11 जुलाई 2025 के बीच आयोजित की जाने वाली थी, लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) पुणे के तकनीकी इनपुट्स के आधार पर यह निर्णय लिया गया कि इस दौरान बादलों का पैटर्न क्लाउड सीडिंग के लिए अनुकूल नहीं है। इसलिए परियोजना को स्थगित करना पड़ा। आईआईटी कानपुर और दिल्ली सरकार के साथ विचार-विमर्श करने के बाद, नई तिथियां 30 अगस्त से 10 सितंबर 2025 तय की गई हैं। जो इस तकनीक के लिए अधिक उपयुक्त मानी गई हैं।

अब जानिए क्या है क्लाउड सीडिंग?

क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। जिसमें बादलों में सिल्वर आयोडाइड, नमक या अन्य रसायनिक कणों का छिड़काव किया जाता है। यह प्रक्रिया बादलों में मौजूद नमी को बर्फ या पानी के कणों के रूप में एकत्रित करती है। जब ये कण भारी हो जाते हैं, तो यह बारिश के रूप में जमीन पर गिरते हैं। इस तकनीक का उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्तर को अस्थायी रूप से कम करना है, क्योंकि बारिश के साथ प्रदूषक तत्व जमीन पर बैठ जाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है।

यह भी पढ़ें : होटल में गर्लफ्रेंड का जन्मदिन मनाने पहुंचा प्रेमी, खाना खाकर बाहर निकलते ही झपट पड़ी मौत

आईआईटी कानपुर को इस परियोजना की तकनीकी सहायता और संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस परियोजना का कुल बजट लगभग 3.21 करोड़ रुपये है, और इसमें पांच परीक्षण किए जाएंगे। इन परीक्षणों की तकनीकी निगरानी के लिए IMD और IITM पुणे की टीम भी शामिल होगी। परीक्षणों के बाद, वायु प्रदूषण में कमी और इस प्रक्रिया के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाएगा।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधारने में मददगार

दिल्ली सरकार का मानना है कि इस तरह के विज्ञान आधारित समाधान वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, भविष्य में ऐसे समाधानों का अधिक उपयोग किया जा सकता है, जिससे दिल्ली और अन्य शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सके। इस परियोजना के सफल होने से वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए नए उपायों की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है।