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नेपाल में पति से बिछड़ी पत्नी की दर्दनाक मौत, आगजनी के बाद जान बचाने के लिए होटल से कूदे थे दंपति

Nepal Violence: परिवार के मुताबिक बुधवार को नेपाल से फोन आया कि इलाज के दौरान राजेश गोला की मौत हो गई है। जबकि घायलावस्था में रामवीर सिंह गोला दो दिन बाद राहत कैंप में मिले।

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Nepal violence Wife separated from husband painful death dead body reaches Ghaziabad

काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों का आवागमन शुरू किया गया। फोटोः ANI

Nepal Violence: नेपाल में उपद्रव और आगजनी के बीच जान बचाने के लिए होटल से कूदे गाजियाबाद के दंपति में पत्नी की मौत हो गई। पति घायल अवस्था में बच तो गए, लेकिन पत्नी इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हार गईं। गुरुवार को भारतीय दूतावास के सहयोग से शव को सोनौली बॉर्डर लाया गया, जहां से परिजन उसे गाजियाबाद ले गए। गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र की मास्टर कॉलोनी निवासी रामवीर सिंह गोला अपनी 55 वर्षीय पत्नी राजेश गोला के साथ 7 सितंबर को पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने काठमांडू गए थे।

होटल में उपद्रवियों ने लगा दी आग

दर्शन के बाद दंपति काठमांडू स्थित हयात रेजिडेंसी होटल में रुका था। इसी बीच रात करीब साढ़े 11 बजे उपद्रवियों ने होटल में आगजनी कर दी। धुएं और लपटों से घिरे दंपति ने चौथी मंजिल से कूदकर जान बचाने की कोशिश की। बचाव दल की मदद से कई लोग पहले से बिछाए गद्दों पर सुरक्षित गिरे, लेकिन यह दंपति गंभीर रूप से घायल हो गया। इसी दौरान उपद्रवियों ने फिर हमला बोल दिया और भगदड़ में दोनों एक-दूसरे से बिछड़ गए।

बेटे को मिला मां की मौत का समाचार

परिवार के मुताबिक बुधवार को नेपाल से फोन आया कि इलाज के दौरान राजेश गोला की मौत हो गई है। जबकि घायलावस्था में रामवीर सिंह गोला दो दिन बाद राहत कैंप में मिले। गुरुवार की शाम भारतीय दूतावास की मदद से शव सोनौली सीमा पर लाया गया। वहां इंतजार कर रहे परिजन एंबुलेंस से शव को गाजियाबाद ले गए। मृतका के रिश्तेदारों का कहना है कि समय पर उचित इलाज न मिलने के कारण उनकी जान गई।

पर्यटक दलों की बढ़ीं मुश्किलें

नेपाल में फैली हिंसा और आगजनी से भारतीय पर्यटक लगातार दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। गोरखपुर से गए एक ट्रैवलर ग्रुप के विशाखापत्तनम निवासी सैलानियों को गुरुवार को आंध्र प्रदेश सरकार और गोरखपुर प्रशासन के सहयोग से पोखरा से काठमांडू होते हुए एयरलिफ्ट किया गया। पर्यटकों का सामान उपद्रवियों ने होटल में जला दिया था और नकदी व आभूषण भी लूट लिए गए।

ग्रुप के प्रमुख कृष्ण मूर्ति ने सुरक्षित वापसी के लिए आंध्र प्रदेश सरकार और गोरखपुर प्रशासन का आभार जताया। वहीं, साथ गए ड्राइवर शाहिद ने बताया कि आंदोलनकारियों ने उनकी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया। गमला फेंककर वाहन का शीशा तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि दो दिन तक पूरे पोखरा में धुआं छाया रहा और हालात बेहद भयावह थे।

भारतीयों के साथ लूट और मारपीट

पीपीगंज निवासी दुर्गा गुप्ता ने बताया कि वे पालपा घूमने गए थे, लेकिन हालात बिगड़ने पर होटल से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हुई। बाद में साधन मिलने पर वे सोनौली सीमा पहुंचे। होटल मालिक ने मुश्किल हालात में मुफ्त ठहरने और भोजन की व्यवस्था की थी। बुटवल के कैलाश गुरुंग ने कहा कि हिंसक माहौल के कारण वे अपने रिश्तेदारों से मिलने भी नहीं जा सके। हैदराबाद निवासी राजू कृष्णा ने बताया कि वे मुक्तिनाथ में फंस गए थे और फिर गाड़ी बुक कर किसी तरह सोनौली सीमा पहुंचे।

नौ सितंबर को भारतीय पर्यटकों पर हुआ हमला

9 सितंबर को काठमांडू में भारतीय पर्यटकों की एक बस पर भी आंदोलनकारियों ने हमला कर दिया था। इसमें वाराणसी के 49 और हैदराबाद के पर्यटक शामिल थे। पथराव से बस के शीशे टूट गए और कई यात्री घायल हो गए। आठ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। कई पर्यटकों ने लूटपाट का आरोप भी लगाया। गुरुवार को जैसे ही यह बस सोनौली सीमा पर पहुंची, चालक और गाइड रो पड़े। उन्होंने बताया कि यात्रियों के साथ बुरा बर्ताव किया गया और भारतीय दूतावास की मदद से सभी को हवाई जहाज से दिल्ली भेजा गया।