
बालिग दंपती को पुलिस ने किया अलग, बिना अदालत में पेश किए पुलिस ने पति को रखा 3 दिन तक लॉकअप में
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने एक बालिक पति-पत्नी को जबरन अलग कर दिया था और पति को बिना अदालत में पेश किए 3 से 5 जुलाई तक लॉकअप में रखा था। इस पर पुलिस को फटकार लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें साथ रहने की इजाजत दे दी। इसके अलावा दिल्ली पुलिस से जवाब भी मांगा है। अदालत ने पुलिस से यह बताने को कहा है कि वह यह जानते हुए भी कि महिला बालिग है। उसने किसी शिकायत पर इस तरह की कार्रवाई किस आधार पर की। इस मामले में अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
अदालत ने दंपती को सुरक्षा मुहैया कराने का दिया निर्देश
इस मामले में फैसला लेने से पहले अदालत ने लड़की को अपने चैंबर में बुलाकर उससे बात की। लड़की ने जजों को बताया कि उसने बिना किसी दबाव के अपने पसंद के लड़के से शादी की है। उन लोगों ने अपनी शादी गाजियाबाद में रजिस्टर्ड भी करवाई है। इसके बाद अदालत ने उन्हें साथ रहने की अनुमति देने के साथ-साथ पुलिस को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि उनके साथ कोई अनहोनी न हो। इसके अलावा अदालत ने दंपती के परिवारों को भी सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया। इस फैसले के साथ ही पीठ ने लड़की की मां को भी यह समझाया कि उनकी बेटी बालिग है और उसे अपनी मर्जी से शादी करने का हक है।
लॉकअप में की गई मारपीट
पति का आरोप है कि पुलिस ने हवालात में उसके साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट भी की। इसके अलावा उन्हें पुलिस ने धमकाया भी कि अगर उसने अपनी पत्नी से मिलने की कोशिश की तो वह उसे बलात्कार के झूठे आरोप में फंसा देगी। पुलिस ने यह कदम लड़की के भाई की तरफ से बहन के लापता होने की शिकायत दर्ज कराने पर उठाया था।
28 जून को बंधे थे वैवाहिक बंधन में
बता दें कि एक मुस्लिम युवती ने एक हिंदू युवक से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 28 जून, 2018 को शादी की थी। इसके बाद यह नवविवाहित दंपती नई दिल्ली के जेएनयू कैम्पस में अपने एक परिचित के यहां रहने लगा। 3 जुलाई को अचानक रात 8 बजे के करीब सादी वर्दी में दिल्ली पुलिस जेएनयू सुरक्षाकर्मियों के साथ उस घर में घुसी और अपने साथ लड़की को ले गई और पुलिस ने लड़के को गाजियाबाद के लोनी पुलिस थाने ले गई और वहां उन्हें तीन दिनों तक लॉकअप में रखा।
Published on:
29 Jul 2018 07:36 pm
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