सीलिंग विवाद सुलझाने के लिए ‘आप’ भूख हड़ताल नहीं करेगी, सुप्रीम कोर्ट में रखेगी पक्ष
अदालत ने जताई नराजगी
आपको बता दें कि अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह की दादागीरी नहीं चलेगी। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मुकेश सूर्यन यह नहीं कह सकते हैं कि वे आम लोगों के लिए यह लड़ाई लड़ रहे हैं। कोई भी किसी भी सूरत में कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है। कोर्ट ने कहा कि सूर्यन कोई दादा नहीं हैं जो कि वह यह सब कर सकें। बता दें कि अदालत में माफीनामा पेश करने के लिए पेश हुए सूर्यन के वकील ने कोर्ट से कहा कि कुछ दिनों में नया शपथपत्र पेश करेंगे और बिना शर्त माफी मागेंगे। इस पर अदालत ने उन्हें तीन दिनों के अंदर नया शपथ पत्र पेश करने को कहा है। बता दें कि पीठ नजफगढ़ जोन के उपायुक्त विश्वेंदर सिंह के स्थानांतरण पर भी सुनवाई कर रही है।
दिल्ली सीलिंग: सर्वोच्च अदालत ने लगाई रोक, 11 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
क्या है मामला
आपको बता दें कि सर्वोच्च अदालत के आदेश पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने विश्वेंद्र को फिर से नजफगढ़ जोन का उपायुक्त बना दिया है तो वहीं दूसरी ओर जेएल गुप्ता को फिर से शिक्षा निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन सबके बीच अवैध निर्माण को लेकर जोन उपायुक्त (डीसी) विश्वेंद्र कार्रवाई कर रहे थे, तभी जोन चेयरमैन मुकेश सूर्यण के साथ उनका विवाद हो गया। इस पर जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुनवाई करते हुए अदालत ने सख्त टिप्पणी की। इधर एमसीडी इंजीनियर्स फोरम के महासचिव एपी खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा है। इससे अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा। बता दें कि दिल्ली में सीलिंग को लेकर सभी व्यापारी परेशान हैं और अदालत से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।