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दिल्ली में सीलिंग: अधिकारियों को धमकाने पर SC की सख्त टिप्पणी, कहा- यहां दादागीरी नहीं चलेगी

locationनई दिल्लीPublished: Jul 31, 2018 03:47:56 pm

Submitted by:

Anil Kumar

देश की सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली में अनाधिकृत और गैरकानूनी निर्माण को सील करने में जुटे अधिकारियों को धमकी देने वालों को चेतावनी दी है। अदालत ने कहा है कि यह दादागीरी नहीं चलेगी।

दिल्ली में सीलिंग: अधिकारियों को धमकाने पर SC की सख्त टिप्पणी, कहा- यहां दादागीरी नहीं चलेगी

दिल्ली में सीलिंग: अधिकारियों को धमकाने पर SC की सख्त टिप्पणी, कहा- यहां दादागीरी नहीं चलेगी

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सीलिंग को लेकर एक बार फिर से मामल गरम हो गया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली में अनाधिकृत और गैरकानूनी निर्माण को सील करने में जुटे अधिकारियों को धमकी देने वालों को चेतावनी दी है। अदालत ने कहा है कि यह दादागीरी नहीं चलेगी। सोमवार को न्यायाधीश मदन बी. लोकुर और न्यायाधीश दीपक गुप्ता की पीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सीलिंग में जुटे अधिकारियों को कोई भी धमकाए और उनके काम में बाधा उत्पन्न करे यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की दादागीरी नहीं चलेगी। इस मामले में एमसीडी इंजीनियर्स फोरम ने आरोप लगाया है कि नजफगढ़ जोन की वार्ड कमेटी के चेयरमैन ने अनाधिकृत निर्माण सील करने गए अधिकारियों को धमकाया है। इस पर अदालत ने कहा कि नजफगढ़ जोन की वार्ड कमेटी के चेयरमैन मुकेश सूर्यन द्वारा दायर शपथ पत्र संतोषजनक नहीं है। जहां एक ओर मुकेश ने बिना शर्त माफी मांगी है तो दूसरी ओर कार्रवाई को न्यायसंगत ठहराने का प्रयास किया है।

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अदालत ने जताई नराजगी

आपको बता दें कि अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह की दादागीरी नहीं चलेगी। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मुकेश सूर्यन यह नहीं कह सकते हैं कि वे आम लोगों के लिए यह लड़ाई लड़ रहे हैं। कोई भी किसी भी सूरत में कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है। कोर्ट ने कहा कि सूर्यन कोई दादा नहीं हैं जो कि वह यह सब कर सकें। बता दें कि अदालत में माफीनामा पेश करने के लिए पेश हुए सूर्यन के वकील ने कोर्ट से कहा कि कुछ दिनों में नया शपथपत्र पेश करेंगे और बिना शर्त माफी मागेंगे। इस पर अदालत ने उन्हें तीन दिनों के अंदर नया शपथ पत्र पेश करने को कहा है। बता दें कि पीठ नजफगढ़ जोन के उपायुक्त विश्वेंदर सिंह के स्थानांतरण पर भी सुनवाई कर रही है।

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क्या है मामला

आपको बता दें कि सर्वोच्च अदालत के आदेश पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने विश्वेंद्र को फिर से नजफगढ़ जोन का उपायुक्त बना दिया है तो वहीं दूसरी ओर जेएल गुप्ता को फिर से शिक्षा निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन सबके बीच अवैध निर्माण को लेकर जोन उपायुक्त (डीसी) विश्वेंद्र कार्रवाई कर रहे थे, तभी जोन चेयरमैन मुकेश सूर्यण के साथ उनका विवाद हो गया। इस पर जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुनवाई करते हुए अदालत ने सख्त टिप्पणी की। इधर एमसीडी इंजीनियर्स फोरम के महासचिव एपी खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा है। इससे अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा। बता दें कि दिल्ली में सीलिंग को लेकर सभी व्यापारी परेशान हैं और अदालत से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

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